Ram Mandir Ayodhya: यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और फैजाबाद के पूर्व सांसद निर्मल खत्री 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लंबा-चौड़ा पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था जताई है और खुद को रामभक्त बताते हुए कहा कि इसमें कोई पाप नहीं है. मुझे इस बात का गर्व है कि मैं प्रभु राम की नगरी का निवासी ही नहीं, बल्कि मेरी जन्मस्थली और कर्मभूमि भी अयोध्या है. सभी धर्मों के लोगों को अपने इष्ट देवों पर गर्व करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का ऐसा कोई निर्देश नहीं है कि कोई कांग्रेसी कार्यक्रम में भाग न लेगा. केवल हमारे सर्वोच्च नेताओं ने ही निमंत्रण में आने की असमर्थता व्यक्त की है. मैं 22 तारीख के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए इसमें भाग लूंगा. 


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निर्मल खत्री ने कहा, " रामकथा के पहले रचयिता वाल्मीकि ने लिखा है- रामो विग्रहवान् धर्म: अर्थात राम धर्म है और धर्म ही राम यानी राम जो करते हैं वह धर्म हो जाता है इससे धर्म की व्याख्या होती है. महात्मा गांधी का राम, सनातन अजन्मा है. वह आत्मशक्ति का उपासक है वह निर्बल का सहारा है. उसकी कसौटी प्रजा का सुख है." 



कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं धर्म के पाखंड का विरोधी, धर्म के सहारे राजनीतिक लाभ लेने के हथकण्डे का विरोधी हूं. मैं व्यक्तिगत जीवन में न कोई व्रत रखता हूं और न ही पूजा पाठ. हां रामभक्त हनुमान जी का हृदय में स्थान है और उन्हीं को रोज याद कर अपना प्रत्येक दिन व्यतीत करता हूं. ईश्वर के प्रति भक्ति और आस्था मुझमें है." 


फैजाबाद के पूर्व सांसद ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कई तीर्थयात्राएं की हैं, जिनमें अमरनाथ यात्रा, वैष्णों देवी यात्रा, रामेश्वरम, पुरी जगन्नाथ, नासिक त्रयम्बकेश्वर, काशी विश्वनाथ, श्रीनगर शंकराचार्य मंदिर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगौत्री, हरिद्वार, उज्जैन महाकाल, ओंकारेश्वर, द्वारिका, मथुरा, वृंदावन, सोमनाथ मन्दिर, विघ्नेश्वर मन्दिर, तिरुपति, शिरडी साईबाबा शामिल है.  


वहीं, राहुल गांधी को लेकर निर्मल खत्री ने कहा,"मुझे गर्व है कि मेरा साहसी नेता राहुल गांधी जी इस देश के लोगों की आवाज बनकर उनकी समस्याओं को उजागर करने और उन्हें यह विश्वास दिलाने कि राहुल गांधी उनके साथ खड़ा है, एक लंबी यात्रा पर मणिपुर से महाराष्ट्र के लिए निकले हैं. अपने प्रिय, निर्भीक, ईमानदार नेता मा. राहुल गांधी जी की यात्रा की सफलता हेतु मैं अपनी मंगलकामनाये अर्पित करता हूं. किसी भी दल या संगठन की विचारधारा से लड़ाई वैचारिक आधार पर अपने संगठन को मजबूत करके ही कि जा सकती है न की कोई जबावी इवेंट करके. इवेंट की लड़ाई में हम अपने प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला नहीं कर पाएंगे. सिर्फ और सिर्फ वैचारिक आधार पर अपने संगठन को मजबूत करके ही हम अपने प्रतिद्वंद्वी से लड़ पाएंगे.


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