22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल द्वारा मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखने से लेकर अब तक कई व्यक्ति इस कार्य में दिनरात जुटे रहे हैं.


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महंत नृत्यगोपालदास (Mahant Nritya Gopal Das)
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास राममंदिर आंदोलन से लेकर मंदिर निर्माण तक की यात्रा के मुख्य सूत्रधार हैं. श्रीरामजन्मभूमि न्यास समिति के भी वे अध्यक्ष रहे तो राममंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद अब राममंदिर ट्रस्ट के भी अध्यक्ष हैं. मंदिर निर्माण आंदोलन के दौरान उन्होंने संत समाज का नेतृत्व किया.


नृपेंद्र मिश्र (Nripendra Mishra)
राममंदिर ट्रस्ट के साथ ही राममंदिर निर्माण समिति का भी गठन हुआ था. इस समिति का अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को बनाया है. नृपेंद्र मिश्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे हैं. माना जाता है कि उन्हें उत्तर प्रदेश की आबोहवा का अच्छे से मालूम है. इसलिए उन्हें श्रीराम मंदिर निर्माण कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया. नृपेंद्र मिश्र मंदिर निर्माण की निगरानी करते हैं.


चंपत राय (Champat Rai)
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय मंदिर की प्रमुख धुरी हैं. राममंदिर की नींव से लेकर संरचना तक में चंपत राय का की महत्वपूर्ण भूमिका रही. राममंदिर सदियों तक अक्षुण्ण रहे और सनातन संस्कृति की ध्वजा लहराते रहे इसको लेकर वे शुरू से गंभीर रहे. 


डॉ. अनिल मिश्र (Dr.Anil Mishra)
राममंदिर ट्रस्ट के सदस्य .अनिल मिश्र संघ में कई पदों पर रहे, जब ट्रस्ट का गठन हुआ तो उन्हें भी इसमें सम्मिलित किया गया. रामलला के प्रति उनका निष्ठा का भाव ही था कि उन्हें मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण दायित्व दिए गए हैं. चंपत राय के बाद डॉ. अनिल मिश्र ही निर्माण कार्यों की निगरानी करते हैं.


गोविंद देव गिरि
राममंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि को बनाया गया है. राममंदिर के आय-व्यय की पूरी निगरानी करने की जिम्मेदारी गोविंद देव गिरि के पास ही है. एक संत होने के नाते मंदिर से जुडी जो भी धार्मिक गतिविधियां होती हैं, उनमें गिरि जी का ही निर्देशन होता है.


प्रकाश गुप्ता (Prakash Gupta)
संघ व भाजपा में विभिन्न पदों पर रहे प्रकाश गुप्ता को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय का प्रभारी बनाया गया है. मंदिर आंदोलन में एक कारसेवक के रूप में भी प्रकाश गुप्ता का अहम योगदान रहा. अब वे ट्रस्ट के कार्यालय से जुड़ी गतिविधियों की जिम्मेदारी संभालते हैं. राममंदिर निर्माण के लिए कार्यालय में आने वाले दान का रिकॉर्ड रखते हैं. रामभक्तों को ट्रस्ट की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की भी निगरानी करते हैं.


चंद्रकांत सोमपुरा
राममंदिर आज जिस डिजाइन व मॉडल पर बन रहा है, उसको प्रख्यात शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा ने आकार दिया था. 1989 में अशोक सिंहल के निर्देश पर चंद्रकांत सोमपुरा ने मंदिर का मॉडल बनाया था. नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से मंदिर के हक में फैसला आने के बाद संतों की मांग पर मंदिर के मॉडल में परिवर्तन किया गया. अब इनके पुत्र आशीष सोमपुरा राममंदिर निर्माण में जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मंदिर में कौन-कौन से पत्थर व निर्माण सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाए यह सभी आशीष सोमपुरा ही तय करते हैं.


यतींद्र मिश्र 
राममंदिर ट्रस्ट के सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के पुत्र वरिष्ठ साहित्यकार यतींद्र मिश्र भी मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं. तीन मंजिला राममंदिर के सभी 390 स्तंभों समेत परकोटे में देवी-देवताओं की मूर्तियां, रामकथा आधारित प्रसंग उकेरे जाने हैं. इनकी थीम साहित्यकार यतींद्र मिश्र ने ही तय की है.


गोपाल राव (Gopal Rao)
राममंदिर निर्माण के प्रभारी के रूप में कर्नाटक निवासी संघ से जुड़े रहे गोपाल राव को जिम्मेदारी सौंपी गई है. राममंदिर निर्माण को विस्तार देने में भी इन्होंने दायित्व निभाया. मंदिर निर्माण के लिए चल रहे कार्यों की प्रतिदिन समीक्षा रिपोर्ट गोपाल राव ही तैयार करते हैं.