Ramlala Surya Tilak: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी होगी. राम मंदिर ट्रस्ट इस अवसर को खास बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता. रामनवमी के दिन रामलला के जन्म की घड़ी दोपहर ठीक 12 बजे सूर्य की किरणों से रामलला का तिलक किया जाएगा. रामनवमी पर होने वाले रामलला के सूर्य तिलक का ट्रायल पूरा कर लिया गया है. ट्रायल के दौरान सूर्य की किरणें मस्तक पर पड़ते ही रामलला का मुखमंडल प्रकाशित हो गया. ट्रायल का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.


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रामलला के सूर्य तिलक को लेकर पिछले आठ अप्रैल को किए गए सफल ट्रायल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 17 अप्रैल को देश में रामनवमी भी मनाई जाएगी. रामजन्मोत्सव के दिन ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला का सूर्य तिलक करेंगी. रामलला का सूर्य तिलक करने की में वैज्ञानिक काफी दिनों पहले से जुटे हुए थे. इसके लिए राममंदिर में उपकरण लगाए जा गए हैं.


बताया जा रहा कि रामनवमी के दिन होने वाला सूर्य तिलक 75 मिली का गोलाकार तिलक होगा. इन उपकरणों की सहायता से दोपहर 12 बजे सूर्य किरणें  रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी. ये किरणें लगातार 4 मिनट तक रामलला के मुखमंडल की आभा बढ़ाएंगी. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिक कार्य कर रहे है. 


जानकारी के अनुसार मंदिर के भूतल पर 2 मिरर, एक लेंस लगाए जा चुके है. सूर्य की रोशनी तीसरे तल पर लगे दर्पण पर गिरेगी. 3 लेंस 2 दर्पणों से होते हुए भूतल पर आखिरी दर्पण पर पड़ेगी. इससे परावर्तित होने वाली किरणों से मस्तक पर तिलक बनेगा.


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