Ramlalla murti: राम मंदिर गर्भ गृह के लिए तैयार रामलला की तीसरी मूर्ति की तस्वीर भी सामने आ गई है. रामलला की पहली श्यामल मूर्ति को गर्भ गृह में स्थापित किया जाचुका है. भगवान राम उस मूर्ति में पांच साल के रामलला के तौर पर विद्यमान हैं और उसे बालक राम का नाम दिया गया है. जबकि दूसरी मूर्ति श्वेत रंग की थी, जिसे मंदिर की दूसरी मंजिल पर स्थापित किया जा सकता है.


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रामलला की मुस्कुराती हुई मूर्ति कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार की थी. अरुण योगीराज ने करीब 200 किलो वाली और पांच फीट की उस मूर्ति को तैयार किया था. तीसरी मूर्ति की ऊंचाई भी करीब पांच फीट है और यह भी श्यामल रंग की है. लेकिन इस मूर्ति में राम मुस्कुराते हुए या सहज भाव में नहीं दिख रहे हैं. शायद यही वजह है कि अरुण योगीराज की मूर्ति को सबसे ज्यादा समर्थन मिला. 


जबकि अरुण योगीराज ने काले ग्रेनाइट की मूर्ति बनाई थी. इसमें हवा, पानी, दूध या अन्य सामग्रियों को कोई प्रभाव नहीं पड़ता. दावा है कि ये रामलला विराजमान की ये मूर्ति करीब पांच हजार साल तक खराब नहीं होगी. सत्यनारायण पांडे ने राजस्थान से लाए सफेद संगमरमर की मूर्ति बनाई थी. लेकिन सफेद संगमरमर के मंदिर में वो उपयुक्त नहीं लगी. सबसे बड़ी बात थी कि मूर्ति का चेहरा-उसकी दिव्यता, अलौकिकता और प्रखरता के पैमाने पर फिट नहीं हो सका. 


मूर्तिकार गणेश भट्ट ने काले पत्थर से ये मूर्ति तराशी थी. इसे कर्नाटक के मैसूर के हेगदादेवना कोटे की खदान में मिले काले पत्थर तैयार किया गया था. इस पत्थर को कृष्ण शिला कहते हैं. गहरे काले रंग का यह पत्थर कर्नाटक के मैसूर में हेगदादेवन कोटे में ही मिलता है. मूर्तिकार ने खुद लंबी खोज के बाद इस पत्थर को चुना था. 


श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इन तीनों मूर्तियों को तैयार कराया था. इन तीनों ने ही अपनी पसंद के अनुसार मूर्तियों को बनाना शुरू किया था. इसमें छह माह से एक साल तक का वक्त लगा. इस दौरान मूर्ति को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था.



सदियों के इंतजार के बाद आखिरकार रामलला अयोध्या में भव्य मंदिर में विराजमान हो गए. 5 साल के बाल रूप में विराजे भगवान राम की श्याम वर्ण मूर्ति के साथ-साथ उनके बाल रूप को पहनाए गए जेवर भी खास हैं. भगवान राम के लिए मुकुट समेत कुल 14 जेवरात बने हैं. लखनऊ के HSJ ज्वेलर्स ने भगवान राम के आभूषणों को बनाया है. श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने 15 दिन पहले पारंपरिक आभूषणों के एक्सपर्ट ज्वेलर्स से संपर्क किया और सिर्फ 12 दिन के अंदर भगवान राम के 14 आभूषण तैयार किए गए हैं.


बताया जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए तीन मूर्तियां बनाई गई थी जिसमें से योगीराज की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा की गई विराजमान किए गए जबकि यह तीसरी मूर्ति है जो राम दरबार की है दो मूर्तियां एक सत्यनारायण पांडे की और एक यह राम दरबार की है जिन्हें राम मंदिर में ट्रस्ट की तरफ से कहीं स्थापित किया जाएगा.


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