Ram Mandir Pran Pratishtha LIVE: भारत के इतिहास में आज एक का दिन अध्याय के रुप में जुड़ने जा रहा है. आज रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या में पुन: विराजमान हुए रामलला. इस पल का सभी सनातनियों के साथ-साथ पूरे देश को सालों से इंतजार था. आरती भगवान रामचंद्रजी की, श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्। नियमित इस आरती का गायन करने से प्रभु राम की असीम कृपा होती है और घर में सुख शांति का वास होता है. 


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श्रीराम जी की आरती
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्. 
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्..


कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्. 
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्..


भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्. 
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्.. 


सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं. 
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं. 


इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्. 
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्.. 


मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों. 
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो..


एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली. 
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली.. 


दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि. 
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे..