मनमीत गुप्ता/अयोध्या: अयोध्या में कोविड संक्रमण के भय ने लोगों के मन के भीतर से मानवता को खत्म कर दिया है. हालात यह हो गये हैं कि सामान्य मौत होने पर भी लोग अंतिम संस्कार में जाने से बच रहे हैं ऐसी तस्वीरें देश के हर तरफ से आ रही हैं. अयोध्या में रिश्तेदारों व पड़ोसियों के सामने न आने पर बेटियों ने अपने पिता को कंधा दिया और अंतिम सस्कार भी किया.


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दरअसल अयोध्या जिले के सहादतगंज के रहने वाले चंदभूषण की मौत तबीयत खराब होनर पर हो गयी थी. उनके चार बेटियां है. यहां पर दो बेटियां ही मौके पर थीं, दो अन्य बाहर थीं. कोरोना के डर से मौत के बाद बेटियों की मदद के लिए पड़ोसी व रिश्तेदार नहीं आये. लेकिन दोनो बेटियों ने अपने पिता को कंधा दिया और अंतिम संस्कार भी किया.


समाजसेवी रितेशदास ने बताया कि उन्हे नगर निगम की तरफ से लावारिश शवों व गरीबों अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौपी गयी है. रोजाना 100 से उपर शव यहां पर जलाये जाते हैं. आज दो बेटियां अपने पिता के शव को लेकर आयी थीं. जिनकी मदद करने के लिए खुद भी उन्हें कंधा दिया और सरयू तट पर पहुंचकर उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए. बेटियों का कहना था कि पिता की मौत तबियत खराब होने से हुई लेकिन लोगों के मन मे कोरोना का भय इतना है कि कोई पड़ोसी व परिजन अंतिम संस्कार में शामिल होने नहीं आये , मजबूरन दोनो बेटियों ने ही पिता का अंतिम संस्कार किया. 


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