लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्स्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह (Kalyan singh) ने कहा है कि सीबीआई (CBI) पूछताछ के लिए जिस तारीख को बुलाएगी वह हाजिर हो जाएंगे. उन्होंने कहा, 'जो लोग कह रहे हैं कि साजिश है, ऐसा नहीं है. नहीं बचा पाए इसलिए केस चल रहा है. किसी को जानकारी नहीं थी इंटेलिजेंस को भी नहीं पता था केंद्र को भी पता नहीं था एक विस्फ़ोट था हो गया.' 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा, 'मैं राजनीति को जनसेवा का सशक्त माध्यम मानता हूं. उसी भावना से मैंने फिर से सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया है. जब तक मैं राज्यपाल रहा तब तक मैंने उस पद की गरिमा का पूरा ख्याल रखा.'


कल्याण ने कहा, 'भविष्य में चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. इतनी उम्र गुजर जाने के बावजूद न तो थका हूं और न ही मन टूटा है. मेरा तन रिटायर नहीं है, मन रिटायर नहीं है.'


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. जब से योगी ने गद्दी संभाली है तब से गांव, गरीब की स्थिति में बड़ा फर्क आया है. खुशहाली बढ़ी है.'


एक सवाल के जवाब में कल्याण ने कहा, 'यूपी की सियासत में अब सपा, बसपा और कांग्रेस की वापसी संभव नहीं दिखती. सभी दलों ने अपना जनाधार खो दिया है. मुझे नहीं लगता है कि अब उनकी वापसी हो पाएगी.'


उन्होंने कहा कि वह दोबारा राजनीति में पार्टी का सहयोग करने के लिए आए हैं. 'आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है. मेरा चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. बहुत चुनाव लड़ चुका हूं. राजनीति लोगों की सेवा का एक माध्यम है.'


यहां आपको बता दें कि बाबरी विध्वंस (Babri demolition) मामले में सीबीआई (CBI) ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 87 वर्षीय कल्याण सिंह (Kalyan singh) (Kalyan Singh) को तलब करने की अपील की है. दरअसल, कल्याण सिंह (Kalyan singh) (Kalyan Singh) राजस्थान के राज्यपाल थे, यह संवैधानिक पद है, जिसके चलते सीबीआई (CBI) उनके खिलाफ अर्जी नहीं दाखिल कर पा रही थी. राज्यपाल के पद से हटने के बाद सोमवार को कल्याण सिंह (Kalyan singh) (Kalyan Singh) ने एक बार फिर से बीजेपी ज्वाइन कर लिया, जिसके बाद सीबीआई (CBI) ने उनके खिलाफ अर्जी दाखिल कर दी. इसी मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास जमानत पर हैं.


कोर्ट ने पहले कहा था कि 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह (Kalyan singh) (Kalyan Singh) को मुकदमे का सामना करने के लिए आरोपी के तौर पर बुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपालों को संवैधानिक छूट मिली हुई है.


लाइव टीवी देखें-:


संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को उनके कार्यकाल के दौरान आपराधिक तथा दीवानी मामलों से छूट प्रदान की गई है. इसके अनुसार, कोई भी अदालत किसी भी मामले में राष्ट्रपति या राज्यपाल को समन जारी नहीं कर सकती.


कल्याण सिंह (Kalyan singh) ने कहा कि जिस पार्टी की शक्ति बढ़ती है लोग आते हैं जो लोग आ रहे हैं उनकी क्षमता के साथ उनको ज़िम्मेदारी दी जा रही है. विचारधारा से लोग जुड़ रहे हैं, वही आ रहे हैं. बीजेपी उससे कभी कोम्प्रोमाइज़ नहीं करती है. कोई नई पावर सेंटर का सवाल नहीं है. मैं किसी का प्रतियोगी बन कर नहीं काम करूंगा. मेरे मन में सहयोगी बनकर रहने की है. किसी के मन में अगर है तो वह गलत है, मैं ऐसा नहीं मानता हूं.'


कल्याण सिंह (Kalyan singh) ने बीजेपी की सदस्यता ली
राजस्थान के पूर्व राज्यपाल व उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan singh) ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की फिर से सदस्यता ग्रहण कर ली. भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह (Kalyan singh) को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी की सदस्यता प्रदान की. इसके साथ ही 87 वर्ष के कल्याण सिंह (Kalyan singh) ने सक्रिय राजनीति में वापसी कर ली है.


राज्यपाल पद से सेवानिवृत्त होने के बाद लखनऊ लौटने पर कल्याण सिंह (Kalyan singh) का उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया. इसके बाद वह सीधे भाजपा प्रदेश मुख्यालय गए. पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कल्याण सिंह (Kalyan singh) अपने पौत्र एवं राज्यमंत्री संदीप सिंह के माल एवेन्यू स्थित आवास पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.


राजस्थान के राज्यपाल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह (Kalyan singh) के स्थान पर कलराज मिश्र को राजस्थान का गवर्नर बनाया गया है.


ज्ञात हो कि कल्याण सिंह (Kalyan singh) बीते पांच वर्ष से उत्तर प्रदेश की सक्रिय राजनीति से बाहर थे. लंबे समय तक पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार कल्याण ने आगे की भूमिका के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया है. वहीं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह (Kalyan singh) एक बड़ी भूमिका में नजर आ सकते हैं. अब कल्याण सिंह (Kalyan singh) पार्टी में आगे के लिए अपनी भूमिका तैयार कर रहे हैं. उनके पुत्र राजवीर सिंह राजू एटा से सांसद हैं, जबकि राजवीर सिंह के पुत्र संदीप सिंह योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री हैं.


वर्तमान समय में एक बार फिर मंदिर मुद्दा गरम है. ऐसे में कल्याण की वापसी भाजपा के लिए मुफीद साबित हो सकती है. अदालत में राम जन्मभूमि को लेकर सुनवाई हो रही है और तीन महीने में इसका निर्णय आने की संभावना है.