लखनऊ: सांसद सावित्री बाई फुले ने बृहस्पतिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की. सावित्री बाई फुले ने कहा, 'मैं तो गठबंधन को मजबूत करने की बात कर रही हूं. अभी ऐसी कुछ बात नहीं है. जब कोई बात होगी तो मैं आपको सूचित करूंगी.’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह सपा-बसपा गठबंधन को मजबूत करने की बात कर रही हैं तो उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी. इस बीच सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि सांसद फुले अखिलेश से मिली हैं और यह बैठक लगभग 15 मिनट तक चली.


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बइराइच लोकसभा सीट से सांसद फुले ने छह दिसंबर को बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. उनका आरोप था कि भाजपा समाज को बांट रही है. फुले ने इस्‍तीफा देने के बाद कहा था कि दलितों को श्रीराम मंदिर नहीं, संविधान चाहिए. हनुमान जी दलित थे तभी भगवान श्रीराम ने उन्‍हें बंदर बनाया.


उन्‍होंने कहा कि दलित सांसद होने के कारण मेरी बातों को और मुझे अनसुना किया गया. उन्‍होंने बीजेपी पर ही निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी समाज में बंटवारे की कोशिश कर रही है. सावित्री बाई फुले ने कहा था कि संविधान को समाप्त करने की साजिश की जा रही है. दलित और पिछड़ा का आरक्षण बड़ी बारीकी से समाप्त किया जा रहा है. उन्‍होंने आगे कहा 'मैं सांसद हूं, जब तक कार्यकाल है सांसद रहूंगी.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि हनुमान जी दलित थे. हनुमान दलित थे लेकिन मनुवादियों के खिलाफ थे. हनुमान जी दलित थे तभी राम ने उन्हें बंदर बना दिया. दलितों को मंदिर नही संविधान चाहिए.