UK Grooming Gangs Scandal: ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. कई दशकों से, पाकिस्तानी बैकग्राउंड के पुरुषों के गिरोह लगातार श्वेत लड़कियों को निशाना बनाते आ रहे हैं.
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Grooming Gang News: ब्रिटिश सांसदों ने बुधवार को 'ग्रूमिंग गैंग' स्कैंडल को लेकर नेशनल लेवल इंक्वायरी शुरू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. यूनाइटेड किंगडम (UK) में 10 साल की ब्रिटिश-पाकिस्तानी लड़की सारा शरीफ की नृशंस हत्या के बाद ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा है. मामले ने जोर तब पकड़ा जब दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, एलन मस्क ने ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर को निशाने पर लेते हुए X (पहले Twitter) पर पोस्ट किए. स्टार्मर ने जवाबी हमला करते हुए मस्क और अन्य पर 'झूठ और गलत सूचना फैलाने' का आरोप लगाया है. आखिर 'ग्रूमिंग गैंग' क्या हैं और इनकी वजह से यूके में इतना बवाल क्यों मचा है, आइए जानते हैं.
'ग्रूमिंग गैंग्स' क्या हैं?
2011 में, 'द टाइम्स ऑफ लंदन' ने इंग्लैंड के कई शहरों में क्रिमिनल गैंग्स के नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने से जुड़ी रिपोर्ट्स छापीं. 1997 से 2013 के बीच, इंग्लैंड के रॉदरहैम शहर में लगभग 1,400 बच्चों, जिनमें अधिकांश 11 से 16 वर्ष की लड़कियां थीं, का यौन शोषण किया गया. ये अपराध मुख्य रूप से पाकिस्तानी मूल के पुरुषों द्वारा किए गए थे, जिन्हें 'ग्रूमिंग गैंग्स' कहा गया. इन गिरोहों ने लड़कियों को बहलाकर, शराब और ड्रग्स का सेवन कराकर, उनके साथ यौन संबंध स्थापित किए और फिर अपने साथियों के साथ उनका शोषण किया.
स्थानीय पुलिस और सामाजिक सेवाओं ने इन घटनाओं को नजरअंदाज किया, जिससे अपराधी बेखौफ होकर ऐसी हरकतों को अंजाम देते रहे. कुछ पुलिस अधिकारियों ने पीड़िताओं को 'तवायफ' कहकर उनके शोषण को उनकी 'जीवनशैली की पसंद' बताया. इस वजह से अपराधियों को लंबे समय तक खुली छूट मिली रही.
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2014 में एक स्वतंत्र जांच रिपोर्ट छपी तो ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर गुस्सा भड़क उठा. रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय अधिकारियों ने नस्लीय तनाव से बचने के लिए इन अपराधों की अनदेखी की. इस खुलासे के बाद, कई हाई-लेवल अधिकारियों को इस्तीफा देना पड़ा. पुलिस और सामाजिक सेवाओं में सुधार की मांग उठी.
कीर स्टार्मर के खिलाफ नाराजगी क्यों?
सारा की हत्या के बाद, एलन मस्क और जेके राउलिंग जैसी बड़ी हस्तियों ने इस मामले पर चिंता जाहिर की. उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, उस समय वे क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रमुख थे. मस्क ने कहा कि इस मामले में शामिल कई लोगों को जेल में होना चाहिए, जबकि राउलिंग ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए.
विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने उत्तरी इंग्लैंड में बच्चों के खिलाफ दशकों पुराने यौन अपराधों की नई राष्ट्रीय जांच की मांग की है. हालांकि, संसद में प्रस्ताव पास नहीं हो पाया.
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ब्रिटेन में कौन कर रहा ऐसे अपराध?
एक्सपर्ट्स भले ही आंकड़ों पर नजर डालते समय सावधानी बरतने की सलाह देते हैं, लेकिन डेटा झूठ नहीं बोलता. यह बात सही है कि कई पीड़ित सामने नहीं आते या सालों बाद रिपोर्ट करते हैं. फिर भी, नवंबर 2023 में ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दोषी ठहराए गए 83% अपराधी श्वेत थे, जबकि 7% एशियाई थे. ब्रिटेन में 'एशियाई' शब्द के मायने भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, चीनी या अन्य दक्षिण एशियाई मूल के लोगों से लगाए जाते हैं.
2011 से 2015 तक नॉर्थ वेस्ट इंग्लैंड के चीफ प्रोसीक्यूटर रहे नाजिर अफजल खुद पाकिस्तानी मूल के हैं. अफजल ने 2015 में कहा था, 'इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि पाकिस्तानी गिरोह कमजोर लड़कियों को शिकार बना रहे हैं.'
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ग्रूमिंग गैंग्स के मामलों में अब तक क्या हुआ?
2010 के दशक की शुरुआत से इन मामलों पर कई स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर की जांचें की गई हैं. 2015 में, एक नेशनल पब्लिक इंक्वायरी शुरू की गई, जिसमें 300 दिनों से अधिक सुनवाई हुई और 15 व्यापक जांचें की गईं. फरवरी 2022 की एक रिपोर्ट ने यह साफ किया कि संगठित नेटवर्क द्वारा बच्चों का यौन शोषण अब भी एक गंभीर मुद्दा है.
अक्टूबर 2022 की अंतिम रिपोर्ट में बच्चों की सुरक्षा के लिए 20 सिफारिशें की गई थीं, लेकिन कंजर्वेटिव सरकार ने इनमें से कुछ पर ही काम किया. गृह मंत्रालय ने हाल ही में कहा कि वे इन सिफारिशों को लागू करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं. प्रोफेसर एलेक्सिस जे, जिन्होंने 2014 की रोदरहैम जांच का नेतृत्व किया, ने बीबीसी को बताया कि अब और जांच की जरूरत नहीं है.