मनोज चतुर्वेदी/बलिया: यूपी के बलिया में भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला. जब प्रभु श्री राम की भक्ति में लीन युवा जोड़े पैदल बिहार से यूपी के बलिया पहुंचे. बिहार के कटिहार से अयोध्या तक 900 किलोमीटर का पैदल सफल करने वाले पति रोशन और पत्नी रोशनी पिछले 15 दिनों से कड़ाके की ठंड में प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए चल रहे हैं. बिहार सीमा से यूपी के बलिया पहुंचते ही राम भक्तों ने रोशन और रोशनी का जमकर स्वागत किया.


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पति रोशन का कहना है कि 500 किलोमीटर चल चुके हैं, 400 किलोमीटर का सफर बाकी है.  रास्ते में मुश्किलें बहुत हैं लेकिन हर मुश्किल प्रभु श्री राम की शक्ति से आसान सी लगने लगी है. वहीं, पत्नी रोशनी का कहना है कि उसका लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ 22 जनवरी को प्रभु श्री राम का दर्शन करना है. यह प्रभु श्री राम की भक्ति ही है कि हम जिस संकल्प के साथ आगे बढ़े हैं वह संकल्प जरूर पूरा होगा.


पेशे से शिक्षक रोशन का संकल्प
कटिहार से अयोध्या तक 900 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले रोशन पैसे से प्राइवेट शिक्षक हैं. 24 वर्षीय रोशन बिहार के कटिहार जनपद के पोठिया चांदपुर गांव के रहने वाले हैं.


पत्नी रोशनी राम की भक्त
अयोध्या तक की यात्रा में पति रोशन की पत्नी रोशनी कदम से कदम मिलाकर साथ चल रही हैं. रोशन और रोशनी की शादी 6 फरवरी 2023 को हुई. रोशनी का कहना है कि रास्ते में जब हम दोनों थक जाते हैं तो ऐसा अनुभव होता है कि भगवान राम सीता भी इसी प्रकार वनवास में मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ते होंगे. लेकिन पति-पत्नी का विश्वास जब अटल होता है तो रास्ते के हर कांटे भी फूल की तरह लगते हैं.


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पति-पत्नी ने अयोध्या जाने का किया फैसला
20 दिसंबर के दिन पति-पत्नी ने यह फैसला किया कि वो 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा में 900 किलोमीटर पैदल यात्रा करेंगे. रोशन और रोशनी का यह फैसला बेहद कठिन था क्योंकि रास्ते में कई तरह की कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ सकता था. कहते हैं चाह में राह होती है. पति-पत्नी दोनों ने हर मुसीबत से लड़ने का संकल्प लिया और चल दिए प्रभु राम की भक्ति मार्ग पर. 


परिवार को नहीं पता कि पति-पत्नी 900 किलोमीटर पैदल यात्रा पर जा रहे हैं. रोशन ने बताया कि उन्होंने अपने माता-पिता को यह नहीं बताया कि हम दोनों कटिहार से अयोध्या तक पैदल यात्रा पर निकल रहे हैं. अपने परिवार को यह बात कह कर निकले कि दोनों किसी ट्रेन या बस से अयोध्या दर्शन करने जा रहे हैं. सर्द हवाएं कई बार सफर को मुश्किल बना दे रही हैं लेकिन राम की भक्ति और शक्ति ऐसी है कि हर मुश्किल आसान सी लगने लगी है. दिनभर चलने के बाद शाम को रास्ते मे किसी मददगार के घर रुक जाते है और सुबह होते ही अयोध्या धाम की यात्रा शुरू कर देते हैं.


भगवान राम के दर्शन करने की मनोकामना
रोशन और रोशनी लगातार पैदल यात्रा में आगे बढ़ते जा रहे हैं रोशनी का कहना है कि इस यात्रा से सबसे बड़ा फायदा उन लोगों से मिलना है जिन्हें हम नहीं जानते. इस सफर के दौरान जो लोग भी हमारी मदद कर रहे हैं उन सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद. अनजान लोगों को भी मदद करने वाले लोग इसी समाज में रहते हैं. इस यात्रा का मकसद युवाओं में हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार करना भी है. 


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