Banda: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल के जेलर और दो डिप्टी जेलर को कोर्ट ने सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने जेलर योगेश कुमार और उनके दो डिप्टी जेलर  राजेश कुमार और अरविंद कुमार को सस्पेंड करने का आदेश दिया है. इनको बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की सुरक्षा से जुड़े मामले में सस्पेंड किया गया है. सूत्रों के मुताबिक मुख्तार अंसारी को लाने ले जाने के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई हुई है. तीनों अफसर के निलंबन के दिन ही मुख्तार ने बांदा कोर्ट में दी थी अर्जी कि उसे जहर देकर मारने की साजिश रची जा रही है. 


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जानकारी के लिए बता दें कि मुख्तार अंसारी जब से बांदा जेल में बंद है कोर्ट के आदेश के अनुसार उन पर पुलिस और पीएसी का कड़ा पहरा है. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे से भी उनकी निगरानी की जा रही है. उसके बाद भी खाने में जहर देने का आरोप गले नहीं उतर रहा है. मुख्तार अंसारी बांदा जेल अधिकारियों पर लगातार कोई न कोई आरोप लगा रहा है. इससे जेल के अधिकारी परेशान रहते हैं. इस बार उसने जेल अधिकारियों पर खाने में जहर देकर मारने की कोशिश का आरोप लगाया है. कोर्ट में इस आरोप से संबंधित प्रार्थना पत्र दिए जाने पर बांदा जेल में खलबली मच गई. कोर्ट के निर्देश पर पहले गुरुवार और शुक्रवार को मुख्तार का चेकअप कराया गया है.  ब्लड टेस्ट भी करवाया गया. वहीं जेल अधीक्षक ने मुख्तार अंसारी के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था. 


बहुचर्चित एंबुलेंस केस में गुरुवार को बाराबंकी कोर्ट में मुख्तार अंसारी की पेशी थी लेकिन वो कोर्ट नहीं पहुंचा. माफिया मुख्तार अंसारी ने वकील के माध्यम से जज को प्रार्थना पत्र भेजकर उसने बांदा जेल में अपनी जान को खतरा बताया. इस पत्र में उसने लिखा कि 19 मार्च को मुख्तार अंसारी को जो भोजन दिया गया था, उसमें कोई विषैला पदार्थ मिला हुआ था. इसे खाने के बाद वह बीमार हो गया था. हाथ पैर की नसों में तेज दर्द उठने लगा और हाथ पैर ठंडे होने लगे हैं. पत्र में यह भी लिखा है मेरी हालत ऐसी हो गई थी, जैसे मेरी मौत हो जाएगी.