नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: बाराबंकी शहर से पांच किलोमीटर दूर मजीठा गांव के नाग देवता मंदिर में सावन के पवित्र महीने में मेला लगता है. इस दौरान नाग देवता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगता है. नाग देवता के दर्शन करने के लिए प्रदेश के कई जिलों से लोग बाराबंकी पहुंचते हैं.


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ऐसी मान्‍यता है कि सावन के पूरे महीने और नागपंचमी के दिन इस मंदिर में जो भी श्रद्धा भक्ति से मन्नत मांगता है, वह पूरी हो जाती है. साथ ही जो लोग सांपों से परेशान हैं या जिन्‍हें सांपों से डर लगता है, वे यहां दर्शन करके अपनी समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं. यहां सभी तरह के जहरीले सांपों की अदालत भी लगती है और उनको नाग देवता दिशा-निर्देश भी देते हैं. कहा जाता है कि, जिन लोगों को सांप काट लेता है. वह भी यहां अगर पहुंच जाए, तो उसकी जान बच जाती है.


जानकारी के मुताबिक मजीठा गांव के ज्यादातर घरों में अक्सर सांप निकलते रहते हैं. वह इन घरों में निवास करते हैं, लेकिन वे न किसी को नुकसान पहुंचाते हैं और न ही इंसान ही उनको मारते हैं. यहां लोग सांपों को दूध पिलाते हैं, उनको देखते ही हाथ जोड़कर पूजा अर्चना करते हैं. हर साल सावन के महीने में मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है. खासकर नाग पंचमी के दिन ये संख्या कई गुना हो जाती है.


पुजारी ने बताया कि मंदिर में बाराबंकी के अलावा कई जिलों से श्रद्धालु आते हैं. साथ ही दूसरे राज्यों के लोग भी चमत्कारी नाग देवता मंदिर में दर्शन करने आते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल यहां दूसरे मुल्क ब्राजील से भी श्रद्धालु आए थे. वह यहां आकर मंदिर की शक्तियों से काफी प्रभावित हुए थे.


आपको बता दें कि ऐसी आस्था है कि मंदिर में स्थित मठ पर मिट्टी की मालिया चढ़ाने के बाद इनको घरों में रखने से न तो घर के अंदर सांप आते हैं और न ही जहरीले जीव जंतु ही आते हैं.