राजवीर चौधरी/ बिजनौर: DM बिजनौर के आदेश पर तहसील प्रशासन ने कांग्रेस के जिलाध्यक्ष एवं चेयरपर्सन पति शेरबाज पठान की पांच स्थानों पर लगभग ढाई करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क कर लिया गया है. इसमें एक ईट भट्ठा भी शामिल है. तहसीलदार प्रभा सिंह को कुर्क संपत्ति का रिसीवर नियुक्त किया. तहसील प्रशासन को जिलाधिकारी ने शेरबाज पठान निवासी मोहल्ला चाहसंग कस्बा द्वारा अपराध कारित कर अवैध रूप से अर्जित किए गए अवैध धन से जांच-पड़ताल के बाद पांच स्थानों की संपत्ति राज्य सरकार के पक्ष में कुर्क करने के आदेश दिए थे. एसडीएम मनोज कुमार, सीओ भरत कुंमार सोनकर, तहसीलदार प्रभा सिंह, राजस्व निरीक्षक, हल्का लेखपालों के साथ ग्राम मिर्जापुर बेला में ईट भट्ठा, खानपुर खादर, ताहरपुर की कृषि भूमि तथा चांदपुर में बास्टा रोड के एक प्लाट को राज्य सरकार के पक्ष में कुर्क कर वहां पर सूचना पट लगा दिए गए. 


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बिजनौर कांग्रेस जिला अध्यक्ष शेरबाज पठान की ढाई करोड़ की सम्पत्ति की गयी कुर्क. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गैंगस्टर अधिनियम के तहत सम्पत्ति कुर् की गई. शेरबाज पठान पर अपराध कारित कर सम्पत्ति अवैध सम्पत्ति बनाने का आरोप. डीएम अंकित अग्रवाल के आदेश पर चांदपुर तहसील प्रशासन ने की कुर्की की कार्यवाही. शेरबाज पठान पर 40 से अधिक आपराधिक मुकदमे है दर्ज. 


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बिजनौर मे डीएम के निर्देश पर चांदपुर तहसील प्रशासन कांग्रेस जिला अध्यक्ष गैंग स्टर शेरबाज पठान ने शिकंजा कस दिया है. चांदपुर तहसील प्रशासन ने शेरबाज पठान की ढाई करोड़ रूपये की सम्पत्ति को सीज कर दिया है और कुर्क की गयी जमीन पर तहसील का बोर्ड लगा दिया गया. इस सम्पत्ति का अधिकार चांदपुर तहसीलदार के पास रहेगा. वहीं कोतवाल चांदपुर संजय कुमार और एसडीएम चांदपुर ने बताया कि शेरबाज पठान ने संगठित गिरोह बनाकर अवैध धन अर्जित किया है और उस धन से मिर्जापुर बेला गांव मे ईट का भट्टा, खानपुर खादर गांव मे करीब 2.318 हेक्टेयर भूमि खरीदी, मिर्जापुर बेला गांव मे 0.940 हेक्टेयर भूमि खरीदी, बास्टा रोड चांदपुर में 200 गज का प्लाट खरीदा, गांव ताहरपुर मे 0.3206 हेक्टेयर कृषि भूमि खरीदी उक्त सभी सम्पत्ति की अनुमानित लागत 2 करोड़ चालीस लाख 80 हजार 920 रूपये बताई जा रही है. तहसील प्रशासन ने सभी सम्पत्ति को राज्य सरकार के पक्ष मे कुर्क कर बोर्ड लगाने की कार्यवाही कर दी. उक्त सभी सम्पत्ति का रिसीवर तहसीलदार को नियुक्त किया गया है. प्रशासन ने मुनादी करा दी और उक्त सम्पत्ति मे अब किसी का कोई अधिकार नहीं रहा.