AIIMS in UP : उत्तर प्रदेश को फरवरी में आने वाले आम बजट में कई बड़ी सौगातें मिल सकती हैं.संभावना है कि फरवरी में पेश होने वाले बजट में उत्तर प्रदेश को एक और नए एम्स, आईआईएम और आईआईटी की सौगात मिल जाए. यूपी में गोरखपुर एम्स का तोहफा पहले ही मिल चुका है. इसके अलावा कानपुर में आईआईटी है. लखनऊ में बिजनेस मैनेजमेंट का प्रतिष्ठित संस्थान आईआईएम है. पूर्वांचल में गोरखपुर एम्स पहले ही है, बजट में घोषणा हुई तो पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की डबल इंजन सरकार का ये यूपी को एक और बड़ा तोहफा होगा. 


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ऐसे में अवध क्षेत्र में कानपुर-लखनऊ, रुहेलखंड में बरेली जैसे शहर, तराई क्षेत्र में पीलीभीत-आंवला लखीमपुर खीरी में नया एम्स खोलने की घोषणा हो सकती है. दिल्ली में एम्स होने के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एम्स की संभावना कम है, लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.


फरवरी में पेश किया जाने वाले बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होगा. सरकार ऐसे में कई लोकलुभावन घोषणाओं का ऐलान आम बजट में कर सकती है. सरकार का वैसे तो इरादा यूपी के हर जिले में जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज या एम्स जैसे स्तर पर अपग्रेड करने का है, लेकिन फिलहाल भौगोलिक दूरी के लिहाज से अलग-अलग क्षेत्रों में एम्स की स्थापना की जा सकती है.


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली यानी दिल्ली एम्स की दूरी यूपी के पूर्वी जिलों की दूरी काफी ज्यादा थी. बिहार और देश के दूसरे हिस्सों से भी मरीज दिल्ली एम्स में इलाज के लिए आते हैं. महीनों बाद ऑपरेशन सर्जरी का मौका मिलता है. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालते ही पहले पूर्ण बजट में  गोरखपुर एम्स की घोषणा की थी. इसके लिए 1,011 करोड़ रुपये की लागत रखी गई थी और मार्च 2020 पूरा करने का लक्ष्य था. हालांकि कम बजट मिलने के कारण यह पूरी तरह से संचालित नहीं हो सका है. एम्स गोरखपुर में अभी इमरजेंसी सेवा शुरू हुई है, इससे यहां 24 घंटे मरीज भर्ती किए जा सकेंगे. अभी पांच विभागों की आईसीयू प्रारंभ हुई है. 17 विभागों में ओपीडी भी हो रही है. हालांकि सुपर स्पेशियलिटी सर्विस अभी तक पूरी तरह से संचालित नहीं हो पा रही है.


 


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