Budget 2023 Hydrogen Trains :रेल बजट को आम बजट में विलय कर दिए जाने के बाद से इस पर ज्यादा निगाहें तो नहीं रहतीं, लेकिन रेलवे को लेकर हर साल कुछ न कुछ नई घोषणाएं जरूर होती हैं. वंदेभारत, तेजस, बुलेट ट्रेन, सेमी हाईस्पीड ट्रेन इसके उदाहरण हैं. लेकिन बजट में इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2023 भारत में हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने का ऐलान कर सकती हैं. बिजली या डीजल की जगह हाइड्रोजन से चालित ऐसी 30 ट्रेनों का ऐलान हो सकता है.  


2024 चुनाव के पहले रेल ट्रैक पर


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खबरें हैं कि वित्त मंत्री रेलवे में स्वच्छ ईंधन (clean fuel) को बढ़ावा देने के लिए इसकी घोषणा कर सकता है और 2024 में चुनाव के पहले ऐसी ट्रेन रेल ट्रैक पर दिख सकती हैं. दुनिया में जर्मनी की कोराडिया ईलिंट (Coradia iLint) पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल (hydrogen fuel cell) से चलने वाली ट्रेन थी. चीन ने हाल ही में एशिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन की घोषणा की है. 


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ग्रीन फ्यूल वाली ट्रेनें


हाइड्रोजन ट्रेनों को सबसे स्वच्छ ईंधन वाली ट्रेनें कहा जाता है, क्योंकि इससे प्रदूषण सबसे कम होता है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले संकेत दिया था कि दिसंबर 2023 में ऐसी ट्रेन पटरी पर आ सकती हैं. वैष्णव ने कहा था कि ये हाइड्रोजन ट्रेनें सबसे पहले उत्तराखंड हिमाचल या अन्य पहाड़ी राज्यों के हेरिटेज ट्रेन रूट पर नैरो गेज पर चलाई जा सकती हैं. इनसे न के बराबर प्रदूषण होगा.  


भारत में तैयार हो रहा इंजन


रेलवे हाइड्रोजन फ्यूल वाली ट्रेनों का प्रोटोटाइप पहले ही उत्तर रेलवे वर्कशॉप (Northern Railway) में तैयार कर रहा है. सोनीपत जींद सेक्शन हरियामा में इसका टेस्ट रन किया जाएगा. ऐसी हाईस्पीड हाइड्रोजन ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती हैं.  गौरतलब है कि दुनिया भर में डीजल चालित रेलगाड़ियों को हटाने की तैयारी चल रही है. भारत में अब ज्यादातर ट्रेनें इलेक्ट्रिसिटी इंजन के जरिये चलाई जा रही हैं. 


डीजल इंजन ट्रेनों का अच्छा विकल्प
हाइड्रोजन ट्रेनें डीजलचालित रेलगाड़ियों का बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि सारी लोकल ट्रेनों और उनके पुराने इंजनों का पूर्ण विद्युतीकरण बेहद मुश्किल है. ऐसे में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें पूरी तरह कार्बन उत्सर्जन से मुक्त होंगी और इनकी लागत भी कम आएगी. 


बेहद सस्ता ईंधन
फ्यूल के तौर पर सिर्फ भाप और सांद्र पानी की जरूरत 140 किमी की रफ्तार से एक बार 1000 किलोमीटर का फासला एक रेलवे स्टेशन से दूसरे रेल स्टेशन के प्लेटफॉर्म तक कर सकती हैं. 


चीन में एशिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन
चीन ने भी हाल ही में ऐसी हाइड्रोजन पावर्ड ट्रेनें शहरी रेलवे इलाकों में चलाना शुरू की हैं. 600 किलोमीटर के एक टैंक में ये ट्रेन 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती हैं. 



हाइड्रोजन ट्रेनों की खूबियां


हाइड्रोजन फ्यूल सेल की लागत काफी कम
इसमें ध्वनि प्रदूषण न के बराबरहोगा
प्रदूषण या कार्बन उत्सर्जन नहीं
140 किलोमीटर तक की रफ्तार
सुरक्षित और परिचालन में बेहद आसान
जर्मनी में 2018 से चल रहीं ऐसे ट्रेनें


 


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