योगी आदित्यनाथ ने कहा, `गोवध और अवैध पशु वधशालाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो`
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार योगी ने कहा कि इस सम्बन्ध में कोई शिथिलता पाए जाने पर सम्बन्धित जिले के जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक—पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत तौर पर उत्तरदायी होंगे.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवध, गोवंश के अवैध व्यापार तथा अवैध रूप से संचालित पशु वधशालाओं के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने के आज निर्देश दिए . राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार योगी ने कहा कि इस सम्बन्ध में कोई शिथिलता पाए जाने पर सम्बन्धित जिले के जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक—पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत तौर पर उत्तरदायी होंगे. इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी .
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय द्वारा आज यहां योजना भवन में एक विशेष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों को मुख्यमंत्री के निर्देशों की विस्तार से जानकारी दी गई.
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों—पुलिस अधीक्षकों को इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई की संयुक्त रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह मुख्य सचिव कार्यालय तथा पुलिस महानिदेशक कार्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए .
उन्होंने मण्डलायुक्तों तथा फील्ड में तैनात पुलिस डीआईजी, आईजी एवं एडीजी को निर्देशित किया कि सम्बन्धित जनपद के भ्रमण के दौरान वे इन निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा करें .
'मीडिया में प्रकाशित खबरों को गम्भीरता से लेते हुए इसकी जांच कराई जाए'
अधिकारियों को निर्देशित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि थाना स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित कराने के लिए सम्बन्धित थानाध्यक्ष को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार नामित किया जाए. गौकशी के सम्बन्ध में कोई शिकायत अथवा मीडिया में प्रकाशित—प्रसारित खबरों को गम्भीरता से लेते हुए इसकी जांच करायी जाए .
उन्होंने कहा कि इसके लिए राजस्व विभाग के तंत्र को सक्रिय किया जाए . उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और लेखपाल को इस सम्बन्ध में संवेदनशील रहने के लिए निर्देशित किया जाए .
मुख्य सचिव ने कहा कि असामाजिक तत्व इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देकर अमन-चैन के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास करते हैं इसलिए इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए ग्राम चौकीदार, बीट कॉन्सटेबल और लेखपाल के अभिसूचना तंत्र को सुदृढ़ बनाया जाए . जहां कहीं भी गोवध की सूचना प्राप्त हो, वहां वास्तविक अभियुक्तों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए .
'पूरी जांच के पश्चात ही शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत किए जाएं'
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि पूरी जांच के पश्चात ही शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत किए जाएं. सभी जिलाधिकारी आकस्मिक तौर पर जेल का निरीक्षण अवश्य करें . फील्ड में तैनात प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी अपने मुख्यालय पर ही रहें ताकि प्रभावी पर्यवेक्षण किया जा सके . उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों एवं महत्वपूर्ण आयोजनों के दृष्टिगत पूरी सतर्कता बरती जाए .
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव ने बुलन्दशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, मेरठ, अमरोहा, फतेहपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर तथा गाजियाबाद आदि जनपदों के अधिकारियों से गोवध, गोवंश के अवैध व्यापार तथा अवैध बूचड़खानों के संचालन में संलिप्त तत्वों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी भी प्राप्त की .
(इनपुट - भाषा)