लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हिंसा करने वाले और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ यूपी सरकार सख़्ती बरत रही है. यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश में 498 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने के मामले में चिन्हित किया है. अब सरकार इन 498 लोगों की संपत्ति ज़ब्त करने की तैयारी में है.


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इससे पहले गुरुवार तक पूरे राज्‍य में अभी तक सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपियों को चिन्हित कर 373 लोगों को नोटिस भेजा जा चुका था. दरअसल, लखनऊ (Lucknow) में 19 दिसंबर को हुई हिंसा की घटना के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ये निर्देश दिए थे कि जिन लोगों ने प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था, उन्‍हें चिन्हित करके उन्हीं से वसूली की जाए. नोटिस में ज्यादातर उन लोगों के नाम शामिल हैं, जिनकी पहचान विरोध-प्रदर्शन और गिरफ्तारी के दौरान लिए गए वीडियो या तस्वीरों के स्कैन के जरिए की गई है.


किन-किन जिलों में भेजा जा चुका है नोटिस
रामपुर, संभल समेत मुरादाबाद मंडल में 200, लखनऊ में 110, फिरोजाबाद में 29, गोरखपुर में 34, रामपुर में 28 उपद्रवियों को संपत्ति वसूली का नोटिस भेजा जा चुका है.


बिजनौर में 20 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान का आकलन करने के बाद जिला प्रशासन ने 43 लोगों को वसूली नोटिस भेजा.  


तोड़फोड़ और संपत्तियों को क्षति पहुंचाने के आरोप में फिरोजाबाद में 29 लोगों को नोटिस भेजा गया.


संभल में 26 लोगों को नोटिस जारी हुआ.


उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में हुई हिंसा और तोड़फोड़ के बाद अब पुलिस जांच के आधार पर तोड़फोड़ और संपत्तियों को क्षति पहुंचाने के आरोप में चिन्हित आयोजक राजनीतिक दल, संगठन और व्यक्तिगत आधार पर जारी नोटिस में सभी को 3 दिन से लेकर एक हफ्ते तक का समय दिया जा रहा है. अभी तक यूपी में लगभग 1.9 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई करने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है, जिसमें बुलंदशहर में 6 लाख की वसूली के लिए नोटिस जारी हुआ है. संभल में 15 लाख की वसूली के लिए नोटिस, जबकि रामपुर जिले में  25 लाख रुपये के नुकसान का नोटिस जारी हो चुका है.