प्रयागराज: अंतिम चरणों में कुंभ की तैयारियां, आधुनिक अखाड़ा बना आकर्षण का केंद्र
उदासीन अखाड़े की धर्म धव्जा पूजन 8 जनवरी को होगी और भव्य पेशवाई 11 जनवरी को होगी.
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज कुंभ की तैयारियां अंतिम चरणों में है. पारम्परिक रूप से अखाड़ों ने अपनी-अपनी पेशवाई कर मेला क्षेत्र में प्रवेश भी शुरू कर दिया है. अभी तक जूना अखाड़े के साथ अग्नि और आह्वान अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा के साथ ही श्री निरंजनी अखाड़े ने मेला क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है. तो, वहीं आज अटल और आनंद अखाड़ा भी अलग-अलग पेशवाई निकालकर मेला क्षेत्र में बने अपने शिविर में प्रवेश कर लेगा.
अखाड़ों की पेशवाई के साथ लगातार मेला क्षेत्र में साधु-संतों का आना और बने शिविरों में संतों का रहना भी शुरू हो गया है. लेकिन, इस बार प्रयागराज कुंभ के सेक्टर-16 में बने बड़ा उदासीन अखाड़े के हवन पांडाल ने लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. आपको बता दें कि अभी यह जो हवन पंडाल है, वह बन रहा है. लेकिन, संगम की रेती पर टाइल्स मार्बल के साथ बाकायदा हवन कुंड को बनाया जा रहा है, जो संगम क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
बड़ा उदासीन अखाड़े में आने वाला हर कोई इस अखाड़े के पंडाल की भव्यता को देखकर के खासा उत्साहित और आश्चर्यचकित भी है. यहां आने वाले लोगों का कहना है कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया गया यह अखाड़ा इस बार के कुम्भ को और भी दिव्य और भव्य बना रहा है. बड़ा उदासीन अखाड़े के महंत का कहना है कि यहां की भव्यता परंपरागत पुरानी है. इससे पहले भी लगने वाले अखाड़े के शिविर में मनमोहक दृश्यों के साथ अखाड़े की भव्यता लोगों के आकर्षण का केंद्र रही है.
उन्होंने बताया की बड़ा उदासीन अखाड़े की धर्म धव्जा पूजन 8 जनवरी को होगी और भव्य पेशवाई 11 जनवरी को होगी, जिसमें लोगों के खास आकर्षण के लिए देशभर के मशहूर 14 अलग 2 बैंड बाजा के साथ गुजरात का मशहूर डांडिया गरबा नृत्य, पंजाब का भांगडा, राष्ट्रपति द्वारा पुरुस्कृत हरियाणा का मशहूर ढोल नगाड़ा, छत्तीसगढ़ का मुखौटा नृत्य के साथ कलश लिए हुए 101 महिलाएं पारम्परिक विधिविधान में देखने को मिलेंगी.