संतोष जायसवाल/चंदौली: जनपद की पुलिस टीम ने एक ऐसे अंतर प्रांतीय गोवंश तस्कर गिरोह का खुलासा किया है जिसका मास्टरमाइंड जिले में बर्खास्त एक पुलिसकर्मी निकला. बबुरी पुलिस स्वाट टीम और सर्विलांस टीम ने सूचना पर कार्रवाई करते हुए 7 गोवंश तस्करों को बनौली चट्टी गांव के समीप से गिरफ्तार किया.पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है.


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ये है पूरा मामला
जिले में लगभग 1 साल पहले मुगलसराय कोतवाली में वसूली का लिस्ट वायरल हुआ था जिसके बाद चंदौली जनपद के साथ ही लखनऊ तक पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. इस लिस्ट को वायरल करने में मुगलसराय कोतवाली में तैनात रहे रहे और उस समय भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित चल रहे सिपाही अनिल कुमार सिंह का बहुत बड़ा हाथ था. हालांकि कुछ माह पूर्व भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार द्वारा आरोपी सिपाही अनिल कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया.


सात गोवंश तस्करों को बनौली चट्टी गांव के समीप से गिरफ्तार किया
बबुरी पुलिस स्वाट टीम और सर्विलांस टीम ने सटीक सूचना पर कार्रवाई करते हुए 7 गोवंश तस्करों को बनौली चट्टी गांव के समीप से गिरफ्तार किया. यह तस्कर चोरी की एक पिक अप वाहन से 6 गोवंश को क्रूरता पूर्वक तरीके से भरकर मिर्जापुर जनपद के डवक इलाके से होते हुए बबुरी कस्बे से निकलकर नेशनल हाईवे 2 नौबतपुर यूपी बिहार सीमा से बिहार में दाखिल कराने में जुटे हुए थे. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर बबुरी थाने लाया गया. 


भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त सिपाही अनिल कुमार सिंह निकला सरगना
इस दौरान पूछताछ में जो मामला सामने आया उसमें पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए. दरअसल इस अंतर प्रांतीय गोवंश तस्कर गैंग का सरगना कोई और नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त सिपाही अनिल कुमार सिंह निकला, जो बिहार के दुर्गावती थाना क्षेत्र निवासी तस्कर किशन यादव के साथ और मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के बाबू यादव, विरेंद्र कुमार अलीनगर थाना क्षेत्र के राजकुमार यादव, सैयदराजा थाना क्षेत्र के नौबतपुर यूपी बिहार सीमा निवासी कमलेश साहनी और रमेश साहनी जो कि सगे भाई हैं के साथ गैंग बनाकर गोवंश की गाड़ियों को चंदौली के रास्ते बिहार में दाखिल कराकर बंगाल भेजने में सहयोग करता था.


पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों को जेल भेजा
पूछताछ में यह भी जानकारी सामने आई कि प्रति गाड़ी अनिल कुमार सिंह 800 रुपये लेता था और 1 दिन में 35 से 40 गाड़ियां ये लोग पास कराते थे. आरोपियों के पास से 17000 रुपये नगद और 6 मोबाइल भी बरामद हुए. जांच पड़ताल में गोवंश ले जाने वाली पिक अप वाहन चोरी की निकली जिस पर कोई नंबर प्लेट नहीं थी. बबुरी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है.


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