रजनीश त्रिपाठी/नई दिल्ली: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर उन्हें जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा में राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दी. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, केन्द्रीय एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन ने बेहतर समन्वय से कार्य किया. आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने सर्च व रेस्क्यू के काम के साथ ही आपदा प्रभावित गांवों में बिना देरी के राहत पहुंचाने का काम भी किया.


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मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से राज्य में उत्तराखण्ड हिमनद एवं जल संसाधन शोध केन्द्र की स्थापना का अनुरोध किया.  मुख्यमंत्री ने राज्य के दुर्गम-अति दुर्गम आपदा सम्भावित क्षेत्रों और अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं की निरन्तर देख-रेख एवं निगरानी हेतु 1 हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. आपदा प्रबन्धन व सीमा प्रबन्धन के दृष्टिगत गैरसैंण में 1 आईआरबी बटालियन स्थापना की स्वीकृति का भी अनुरोध किया. आगामी कुम्भ के दुष्टिगत, एन्टी ड्रोन तकनीक से संयोजित एक विशेष टीम की तैनाती की जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाये जाने के लिए राज्य पुलिस बल आधुनीकरण योजना में प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ का बजट उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने राज्य में समय-समय पर तैनात सुरक्षा बलों की तैनाती के फलस्वरूप देय 36.46 करोड़ रुपये की छूट तथा भविष्य के लिए पूर्वोत्तर राज्यों/विशेष श्रेणी के राज्य की भांति 90:10 के अनुसार भुगतान की व्यवस्था निर्धारित करने का अनुरोध किया.


मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से चमोली के नीति घाटी तथा उत्तरकाशी के नेलांग घाटी को बेहतर सीमा प्रबन्धन हेतु इनर लाईन परमिट की व्यवस्था समाप्त किये जाने का आग्रह किया ताकि इस क्षेत्र के गांवों में पर्यटन से आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हो पाये. केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी बातों पर सैद्धांतिक सहमति देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को हरसम्भव सहयोग दिया जाएगा.


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