लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौकरियों और प्रदेश में विकास के बहाने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने तंज कसा कि ये महाभारत के वही पात्र हैं जिन्होंने दोबारा से जन्म लिया. ये लोग विकास के बाधक थे. प्रदेश में भर्ती चाचा करता तो कभी भतीजा तो कभी भाई. उसमें भाई-भतीजावाद चलता था. 2017 से पहले तक ऐसा ही चलता था. सीएम योगी ने कहा कि हमने नौकरी देने में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया. 


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मुख्यमंत्री नव चयनित खंड शिक्षा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र के वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि 24 जनवरी 1950 को यूपी का गठन हुआ था तब से लेकर आज तक मात्र 4 साल में उतनी नियुक्तियां नहीं हुई जितनी अब हुई हैं. पहले दंगा होता था, संपत्ति का नुकसान होता था. भर्तियां नहीं होती थीं, कई भर्तियों को समाप्त कर दिया गया था, लेकिन हमने सभी प्रक्रिया को शुरू किया और बड़ी संख्या में भर्तियां की हैं.


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बिना भेदभाव को दी युवाओं को नौकरी
सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने तय किया कि किसी भी युवा के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. सभी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता होनी चाहिए और हमने वही किया. साल 2017 से पहले भर्ती कभी चाचा करता था, कभी भाई करता था. चार वर्ष के दौरान यूपी देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनी है.


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पीएसी की 54 बंद कंपनियों को फिर से खोला
कार्यक्रम में सीए योगी ने कहा कि बेसिक शिक्षा में चार वर्ष के दौरान बहुत परिवर्तन हुआ है, यह परिवर्तन सामूहिक प्रयास का हिस्सा है. इससे पहले कभी भी 4 साल में इतनी बड़ी संख्या में भर्ती नहीं हुई. पीएसी की 54 कंपनी पिछली सरकार ने बंद कर दी थीं. जिस प्रदेश की पुलिस बल की संख्या 3 लाख होनी चाहिए थी, वो सवा लाख तक सीमित हो गयी थी. हमने बहाली की और बड़े पैमाने पर पुलिस विभाग में भर्तियां निकालीं.


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2017 से पहले तक सभी ने मिलकर प्रदेश को लूटा
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी की तुलन कौरवों से कर दी. उन्होंने कहा कि ये महाभारत के वही पात्र हैं जिन्होंने दोबारा से जन्म लिया. ये लोग विकास के बाधक थे. 2017 के पहले भ्रष्टाचार होता था, पिछली सरकार में परिवार के मामा, चाचा, भाई सभी ने लूट-खसोट किया. विकास को बाधित किया. नौकरी देने में पहले जाति और पैसा दोनों देखा जाता था. इन सबका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगतती थी. लेकिन पिछले चार साल से ऐसा नहीं हो रहा है. हमारे लिए सभी एक समान हैं. जो पात्र होगा उसे नौकरी मिलेगी. बिना किसी लेनदेन और जाति, मजहब देखे बिना. 


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