लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में ‘उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ के 97,663 स्वयं सहायता समूहों एवं उनके संगठनों को 445.92 करोड़ रुपए की पूंजीकरण धनराशि का ऑनलाइन ट्रांसफर किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी की.


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मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को स्वावलम्बी बनाकर उनके सशक्तिकरण में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के इच्छुक हैं. प्रशासन एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी स्वयं सहायता समूहों को शासन की योजनाओं से जोड़ें, जिससे यह समूह लाभकारी बन सकें. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मातृशक्ति को स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ने में पूरे समर्पण के साथ सहायक बनना चाहिए.


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दोगुने हों स्वयं सहायता समूह, एक जनपद-एक उत्पाद योजना से जोड़ा जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक वर्ष में प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों की संख्या को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाना चाहिए. यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण होगा.  उन्होंने कहा कि हमारे स्थानीय उत्पाद एवं महिला स्वयं सहायता समूह आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेंगे. स्वयं सहायता समूहों को एक जनपद-एक उत्पाद योजना के उत्पादों से भी जोड़ा जाए तथा उत्पादों की ब्राण्डिंग और मार्केटिंग की जाए.


महिला स्वयं सहायता समूहों को मिले प्राथमिकता
सीएम योगी ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों के पास ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव, राशन की दुकानों के संचालन, पोषाहार के वितरण, स्कूल ड्रेस एवं स्वेटर के निर्माण, अगरबत्ती के निर्माण, गौ आधारित खेती, गोबर एवं मिट्टी के दीयों के निर्माण में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर हैं. उन्होंने कहा कि अनियमितता के कारण राशन की दुकानों के निलम्बन पर दुकान के आवंटन में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.


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डेयरी के कार्यों से महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाए
झांसी जिले की महिला स्वयं सहायता समूह बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा पिछले 01 वर्ष में 46 करोड़ रुपए के कारोबार तथा 2.26 करोड़ रुपए के लाभार्जन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसी सम्भावना सभी जिलों में मौजूद है. उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में डेयरी के कार्यों से महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाना चाहिए. इनके प्रशिक्षण के लिए बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी के कार्यक्रम अन्य महिला स्वयं सहायता समूहों में लगाए जाने चाहिए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर गांव में बैंकिंग गतिविधियों के लिए बी0सी0 (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेण्ट) सखी का चयन किया गया है. प्रशिक्षण के बाद बी0सी0 सखी ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग का कार्य करेंगी. बी0सी0 सखी की मदद से लोग बैंक में लाइन लगाए बगैर सुविधापूर्ण ढंग से धनराशि की जमा और निकासी कर सकेंगे.


किसको कितनी राशि मिली
27,962 स्वयं सहायता समूह की 3,07,582 सदस्यों को 41.94 करोड रुपए
रिवॉल्विंग फण्ड के रूप में, 29,653 समूहों की 3,05,228 सदस्यों को 326.18 करोड़ रुपए
सामुदायिक निवेश निधि के रूप में, 602 समूहों की 30,100 सदस्यों को 12.04 करोड़ रुपए
आजीविका निधि के रूप में, 550 समूहों की 27,500 सदस्यों को 11 करोड़ रुपए
प्रेरणा कृषि टूल बैंक की स्थापना के लिए  704 समूहों की 14,080 सदस्यों को 10.56 करोड रुपए
उत्पादक समूह सहायता निधि में, 2,003 समूहो की 1,40,210 सदस्यों को 15.90 करोड़ रुपए
जोखिम निवारण निधि के रूप में, 53 समूहों की 10,600 सदस्यों को 1.59 करोड़ रुपए
बीमा सहायता निधि के रूप में, 31,967 समूहों की 3,51,637 सदस्यों को 4,80 करोड़ रुपए
स्वयं सहायता समूह स्टार्टअप निधि के रूप में, 2,117 ग्राम संगठनों की 1,27,020 सदस्यों को 15.31 करोड़ रुपए
ग्राम संगठन स्टार्ट अप निधि के रूप में और 174 संकुल संघों की 1,74,000 सदस्यों को 6 करोड़ रुपए स्टार्ट-अप निधि के रूप में प्रदान की गई.


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