कोरोना के खिलाफ युद्ध स्तर पर काम कर रही योगी सरकार, अब हर जिल में बनेंगे Covid-19 कलेक्शन सेंटर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने `कोविड केयर फंड` से लेवल 1, 2, और 3 के हॉस्पिटल स्थापित करने, आवश्यक उपकरण, पीपीई, थर्मल एनालाइजर, वेंटीलेटर्स और एन-95 मास्क आदि सुविधाओं को बढ़ाने के निर्देश हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना से जंग में योगी सरकार युद्ध स्तर पर काम में जुटी हुई है. जनसंख्या के मामले में कई विकासित देशों के मुकाबले बड़ा होने के बावजूद राज्य सरकार कोविड 19 के संक्रमण की रोकथाम में कारगर साबित हुई है. वहीं अब उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना की जांच के लिए टेस्टिंग का दायरा बढ़ाने वाली है. मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि सभी 75 जनपदों में कोविड-19 की जांच के लिए कलेक्शन सेंटर बनाए जाएंगे. उत्तर प्रदेश के जिन 6 मंडलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है, उन सभी के मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाएंगे. जबकि देवीपाटन मंडल, गोंडा, बरेली मंडल, मुरादाबाद मंडल, मिर्जापुर मंडल और मिर्जापुर के साथ-साथ बीएचयू में एक-एक लैब बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है. वाराणसी मंडल में और अलीगढ़ में भी एक-एक लैब की स्थापना की जाएगी. मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने भी बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 10 टेस्टिंग लैब्स सफलतापूर्वक काम कर रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'कोविड केयर फंड' से लेवल 1, 2, और 3 के हॉस्पिटल स्थापित करने, आवश्यक उपकरण, पीपीई, थर्मल एनालाइजर, वेंटीलेटर्स और एन-95 मास्क आदि सुविधाओं को बढ़ाने के निर्देश हैं.
14 और मेडिकल कॉलेजों में बनाई जाएंगी लैब्स
उन्होंने बताया कि फैसला हुआ है कि 'कोविड केयर फंड' से ही लैब अपग्रेड होंगे. प्रदेश के सभी मंडलीय मुख्यालयों के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भी कोरोना टेस्टिंग लैब्स की स्थापना की जाएगी. प्रदेश के 24 मेडिकल कॉलेजों में से 10 में चल रही लैब्स को अपग्रेड किया जाएगा. साथ ही बाकी 14 मेडिकल कॉलेजों में लैब्स बनाए जाएंगे.
'कोविड केयर फंड' स्थापित
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि COVID-19 से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 'कोविड केयर फंड' भी स्थापित किया है. जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज के विभिन्न तबकों से भी व्यापक समर्थन 'कोविड केयर फंड' को मिल रहा है. 'कोविड केयर फंड' में ऑनलाइन और चेक के माध्यम से भी धनराशि प्राप्त हो रही है.
आधी जनसंख्या को खाद्यान्न बांटा जा चुका है
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 2,86,55,520 राशन कार्ड के अनुसार 11,98,26,098 लोगों को यानी प्रदेश की आधी जनसंख्या को खाद्यान्न बांटा जा चुका है. लॉकडाउन में अब तक 6,67,764 मीट्रिक टन, खाद्यान्न का वितरण कर दिया गया है. इसमें से 36 प्रतिशत राशन निःशुल्क वितरित किया गया है.
योगी सरकार की ओर से 11,33,000 श्रमिकों को ₹1,000 बांटते हुए ₹113.26 करोड़ की धनराशि भी वितरित कर दी गई है. नगरीय क्षेत्र में लगभग 2,31,897 श्रमिकों को ₹1,000 का वितरण किया गया है. अवनीश अवस्थी ने बताया कि श्रमिक, लेबर डिपार्टमेंट के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें. जिनका रजिस्ट्रेशन पुराना होगा वो रिन्यूवल हो जाएगा ताकि उन्हें ₹1,000 की धनराशि प्राप्त हो सके.
1,257 को परीक्षण के बाद क्वारंटाइन में भेजा
अवनीश अवस्थी ने बताया कि अब तक प्रदेश में तबलीगी जमात के 1,551 लोगों को चिन्हित करके 1,257 को परीक्षण के बाद क्वारंटाइन में भेज दिया गया है. इन 1,257 के अतिरिक्त कुछ अन्य प्रदेशों के लोग भी हैं जिनकी सूचना सम्बंधित प्रदेशों को दे दी गई है. अब तक प्रदेश में 323 विदेशी लोगों में से 259 लोगों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं. इनके अलावा 64 नेपाली नागरिक हैं, जिनके पास पासपोर्ट नहीं हैं.
धारा 188 के अंतर्गत 34,650 लोगों के विरुद्ध 10,803 एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं. लॉकडाउन पीरियड में लगभग 1 करोड़ 20 लाख वाहन चेक किए गए हैं, लगभग 26 लाख वाहनों का चालान किया है और 17,000 वाहन जब्त किए गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक लगभग 4 करोड़ 97 लाख की वसूली की गई है.
आश्रय स्थलों में मनोरंजन की हो व्यवस्था
अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में 4,243 आश्रय स्थलों में 1,29,645 लोग हैं. सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि आश्रय स्थलों में मनोरंजन की व्यवस्था जैसे टीवी आदि भी उपलब्ध कराई जाए, साथ ही भोजन में भी परिवर्तन होता रहे. राजस्व विभाग की ओर से मिले आंकड़ों के मुताबिक अब तक 2,765 कम्युनिटी किचन और 4,243 आश्रय स्थल या क्वारंटाइन कैम्प, अब तक स्थापित किए गए हैं. कम्युनिटी किचन में 1,496 व 1,908 आश्रय स्थल/क्वारंटाइन कैम्प की जियो टैगिंग कर दी गई है.