लखनऊ: मोदी सरकार ने कृषि विधेयकों (Agri Bills 2020) को संसद के दोनों सदनों से पारित करा लिया है. इन विधेयकों को मोदी सरकार जहां किसानों के लिए एक नए युग की शुरूआत बता रही है तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां कृषि विधेयकों का जमकर विरोध कर रही हैं. विपक्ष का आरोप है कि इन विधेयकों के जरिए मोदी सरकार देश के किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना देगी. समाजवादी पार्टी ने भी कृषि विधेयकों का विरोध किया है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन विधेयकों के संसद से पारित होने पर मोदी सरकार को बधाई दी है और किसानों के लिए नए युग का आरंभ बताया है.


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समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मोदी सरकार के कृषि बिल पास कराए जाने को भाजपा का पतन-पत्र बताया है. अखिलेश यादव ने रविवार को इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा, ''भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ‘ध्वनि मत’ की आड़ में राज्यसभा में किसानों व विपक्ष की आवाज दबाई है. अपने कुछ चुनिंदा पूंंजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है. लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना ‘पतन-पत्र’ पारित कराया है.''



यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्यसभा में कृषि विधेयकों के पास होने का स्वागत किया है. उन्होंने ट्वीट किया, ''संसद से आज पारित किसान विधेयक कृषि क्षेत्र में नए युग का आरंभ करने वाले सिद्ध होंगे. यह किसानों को जटिल तंत्रों से मुक्ति दिलाने वाले हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा भी यथावत जारी रहेगी. आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को लोक कल्याणकारी प्रयास हेतु कोटिशः आभार!. किसान अपने खेतों में आशाओं का बीजारोपण करते हैं. यह आशा तभी फलित होगी जब उन्हें उनकी उपज का संतुष्टिपरक मूल्य प्राप्त हो. संसद से पारित विधेयक अन्नदाताओं को बिक्री की स्वतंत्रता, तकनीक की सुलभता और जटिल तंत्र से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाले सिद्ध होंगे. बधाई-शुभकामनाएं!''



मुख्यमंत्री योगी ने कहा, '''कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020’ व ‘कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020’ का संसद से पारित होना कृषि क्षेत्र में नवीन सूर्योदय जैसा है. हमारे अन्नदाता किसान बहनों-भाइयों के लिए आज का दिन अविस्मरणीय होगा. बधाई!'' पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. तीनों बिल लोकसभा में पारित हो चुके हैं. कुछ किसान इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, विपक्ष सरकार पर निशाना साध रही है, लेकिन सरकार इन्हें किसानों के हित वाला बता रही है. जानिए इन तीनों विधेयकों के मुख्य प्रावधान क्या हैं...?


कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020- (Farmer's Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020)


1. इस बिल में एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने का प्रावधान है जहां किसानों और व्यापारियों को मंडी से बाहर फसल बेचने की आजादी होगी.


2. प्रावधानों में राज्य के अंदर और दो राज्यों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की बात कही गई है. मार्केटिंग और ट्रांस्पोर्टेशन पर खर्च कम करने की बात कही गई है.


कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020- (Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance Bill, 2020)


1. इस विधेयक में कृषि करारों पर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का प्रावधान किया गया है.


2. ये बिल कृषि उत्‍पादों की बिक्री, फार्म सेवाओं, कृषि बिजनेस फर्मों, प्रोसेसर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ किसानों को जुड़ने के लिए सशक्‍त करता है.


3. अनुबंधित किसानों को गुणवत्ता वाले बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करना, तकनीकी सहायता और फ़सल स्वास्थ्य की निगरानी, ऋण की सुविधा और फसल बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.


आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020- (Farm Services Bill, 2020.)


1. इस बिल में अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्‍याज़ आलू को आवश्‍यक वस्‍तुओं की सूची से हटाने का प्रावधान है.


2. माना जा रहा है कि विधेयक के प्रावधानों से किसानों को सही मूल्य मिल सकेगा क्योंकि बाज़ार में स्पर्धा बढ़ेगी.


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