लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया है. प्रियंका का कहना है कि पुलिस ने उन्हें घेरा और गला दबाया. प्रियंका ने यूपी पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, "पुलिस मुझे घेरा मेरा गला दबाया. मैं पीड़ित परिवार से मिलने जा रही थी, उनके साथ बहुत गलत हुआ. ये सब किसलिए क्योंकि आपकी नीति पब्लिक को पसंद नहीं है. मेरी समझ से बाहर है कि मैं शांतिपूर्वक जा रही थी, मुझे रोका गया, मेरी गाड़ी को रोका गया. मैंने कहा कि पैदल जाती हूं, कोई वजह तो दीजिये बेवजह रोका गया." 


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उन्होंने आगे कहा, "मेरा गला दबाया गया, मुझे धकेला भी गया. एक महिला पुलिस कर्मचारी ने मुझे धकेला, मैं चलती रही. मैं टू व्हीलर पर आई फिर रोका तो दोबारा पुलिस ने मुझे रोका पैदल आ गई. दारापुरी जी ने एक फेसबुक की पोस्ट डाली. 77 साल के थे अहिंसात्मक प्रदर्शन होना चाहिए ये पोस्ट में कह. उनकी पत्नी बीमार हैं, ये सब किसलिए किया जा रहा है." 


कांग्रेस ने इस मुद्दे पर एक कॉन्फ्रेंस करके कहा कि यूपी पुलिस ने प्रियंका गांधी का जीवन खतरे में डाला. पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की. यूपी में बीजेपी सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने घटना पर बयान जारी करते हुए कहा, "यूपी पुलिस ने महासचिव प्रियंका गांधी जी को रास्ते में रोका, प्रियंका गांधी जी से की धक्कामुक्की. एक पुलिसकर्मी अधिकारी ने प्रियंका जी का गला पकड़कर खींचने की कोशिश की! 8 किमी पैदल चलकर सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी दारापुरी के परिजनों और उनकी बीमार पत्नी से मिलीं."



दरअसल, प्रियंका गांधी नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध करने पर गिरफ्तार हुए पूर्व आईपीएस, सोशल एक्टिविस्ट एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रहीं थी. उनकी गाड़ी को यूपी पुलिस ने लोहिया पार्क के पास रोका, तो प्रियंका ने पैदल ही मिलने जाने का निर्णय लिया. 


प्रियंका गांधी झूठ बोल रही हैं: सिद्धार्थनाथ सिंह
उधर, योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रियंका गांधी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रियंका झूठ बोल रही है. उनका व्यवहार निंदनीय है. प्रियंका को पब्लिसिटी मिल सकती है, वोट नहीं."