लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हर साल बाढ़ की मार झेलने वाले लोग इस बार भगवान भरोसे रहें क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने आदेश दिए हैं कि सिंचाई विभाग के मुलाजिम नदियों के किनारे रोज सुबह-शाम पूजा करें और फूल अर्पित करें. उनका मानना है कि इस तरह की नियमित पूजा से बाढ़ कम होगी. जल शक्ति मंत्री ने खुद भी मंगलवार को बलरामपुर में चरनगहिया तटबंध पर राप्ती नदी की पूजा की. इस दौरान उन्होंने दलील दी कि नदियों की पूजा अंधविश्वास नहीं, सनातन परम्परा है.


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नदियों की पूजा कर बाढ़ रोकने का तरीका हास्यास्पद: कांग्रेस
उधर, जल शक्ति मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा नदियों की पूजा पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नदियों की पूजा कर बाढ़ रोकने का तरीका हास्यास्पद है. अजय कुमार लल्लू की माने तो बाढ़ की विभीषिका को रोकने के लिए ठोस प्लान की जरूरत है, जबकि सरकार जिम्मेदारियों से बचने की बात कर रही है.


पीसीसी चीफ अजय कुमार ने कहा कि कोरोना के बीच प्रदेश में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है. लगातार बारिश से गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, बहराइच, गोंडा, बाराबंकी, वाराणसी, फैजाबाद के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है.


कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने व्यवस्थाओं को नाकाफी बताते हुए कहा कि ये सरकार की असंवेदनशीलता का परिणाम है कि पिछले 3 साल में सबसे ज्यादा बांध टूटे हैं. इस दौरान अजय लल्लू ने चरसरी, एपी , कुशीनगर, बाराबंकी के बंधे टूटने का जिक्र किया.