संविधान निर्माण करने में इन महिलाओं का हाथ, जिन्होंने बताया कैसे चलेगा देश
Constitution Day 2024: 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस मनाया जाता है. यह वह तारीख जब भारत का संविधान अपनाया गया था. संविधान दिवस पर ऐसी महिलाएं जिनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.
Constitution Day 2024: हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. लोकतांत्रित देश में यह दिन संविधान के महत्व को याद दिलाता है. संविधान के निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर के बारे में हम सब लोग जाते हैं. बहुत कम ही लोग जानते हैं कि देश के संविधान निर्माण में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. संविधान निर्माण में शामिल 389 सदस्यों में इनकी संख्या में भी कम नहीं थी. आइये जानते हैं संविधान निर्माण में महिलाओं की भूमिका के बारे में.
सुचेता कृपलानी
संविधान निर्माण में कुल 389 लोग थे. इनमें करीब 15 महिलाएं भी शामिल थीं. इसमें सबसे पहला नाम देश की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी का है. सुचेता कृपलानी ने संविधान निर्माण में अहम योगदान दिया. सुचेता कृपलानी का जन्म हरियाणा के अंबाला में साल 1908 में हुआ था. उनके पिता सरकारी डॉक्टर थे. पिता के ट्रांसफर के चलते सुचेता की पढ़ाई लिखाई एक जगह नहीं हो सकी. जहां पिता को तबादला होता वहीं की शिक्षा ग्रहण करतीं. शुरुआती पढ़ाई के बाद सुचेता दिल्ली आ गईं. दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में एमए किया.
मालती चौधरी
पूर्वी बंगाल में जन्मीं मालती चौधरी का संविधान निर्माण में अहम योगदान था. मालती उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री नाबकृष्ण चौधरी की पत्नी थीं. मालती चौधरी ने महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए नमक सत्याग्रह में भी भाग लिया था. भारतीय राष्ट्रीय में कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस समाजवादी कर्म संघ की स्थापना की थी.
विजयलक्ष्मी पंडित
पंडित जवाहर लाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी का जन्म 18 अगस्त 1900 को इलाहाबाद में हुआ था. वह भी संविधान निर्माण कमेटी की सदस्य थी. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत इलाहाबाद नगर निगम चुनाव के साथ की थी. 1931 में विजयलक्ष्मी संयुक्त प्रांत सदन के लिए चुनी गई थी, जबकि उन्हें सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वे ऐसी पहली महिला थी जिन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था.
सरोजिनी नायडू
सरोजनी नायडू का जन्म 23 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था. वह देश की पहली महिला राज्यपाल भी रहीं. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इनकी अग्रणी भूमिका थी. वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी. नायडू संविधान सभा के उन सदस्यों में शामिल थीं, जिन्होंने संविधान का निर्माण किया था.
राजकुमारी अमृत कौर
राजकुमारी अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी 1889 को लखनऊ में हुआ था. उनके पिता कपूरथला के पूर्व महाराजा हरनाम सिंह थे. राजकुमारी ने ही देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान की स्थापना की थी और करीब 10 साल तक देश की स्वास्थ्य मंत्री रहीं.
लीला रॉय
लीला रॉय का जन्म असम के गोलपाड़ा जिले में 2 अक्टूबर 1900 को हुआ था. उन्होंने 1923 में दीपाली संघ और स्कूलों की स्थापना कर देशभर में चर्चा पायी थी. 1937 में वह कांग्रेस में शामिल हो गईं.
बेगम एजाज रसूल
बेगम एजाज रसूल का जन्म 2 अप्रैल 1909 को हुआ था. वह एकमात्र मुस्लिम महिला सदस्य थीं. इनका पूरा नाम बेगम कदसिया ऐजाज रसूल था. वह मुस्लिम लीग की सदस्य थीं. बाद में जब मुस्लिम लीग भंग हुई तो वह कांग्रेस में शामिल हो गईं.
कमला चौधरी
कमला चौधरी का जन्म 22 फरवरी 1908 को लखनऊ के प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था. वह प्रसिद्ध लेखिका थीं. कमला चौधरी महात्मा गांधी से जुड़ी हुई थी, वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य थी, जबकि लोकसभा के सदस्य भी चुनी गई थी.
हंसा मेहता
हंसा मेहता का जन्म 3 जुलाई 1887 को बड़ौदा में हुआ था, वे बड़ौदा के दीवान नंदशंकर मेहता की बेटी थी. वह 1945-46 में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की अध्यक्ष बनीं. बाद में उन्हें संविधान सभा का सदस्य बनाया गया था.
रेनुका रे
आईसीएस अधिकारी संतीष चंद्र मुखर्जी और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की सदस्य चारूलता मुखर्जी की बेटी थी रेनुका रे पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्य और मंत्री रहीं. उन्होंने ही बंगाल में अखिल बंगाल महिला संघ और महिला समन्वयक परिषद का गठन किया था.
दुर्गाबाई देशमुख
दुर्गाबाई देशमुख का जन्म 15 जुलाई 1909 को आंध्रप्रदेश के राजमुंदरी में हुआ था. वे महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह का हिस्सा थी. उन्होंने महिलाओं की आवाज उठाने के लिए आंध्र महिला सभा की स्थापना की थी.
अम्मू स्वामीनाथन
अम्मू स्वामीनाथन का जन्म केरल राज्य के पालघाट में 22 अप्रैल 1894 को हुआ था. संविधान निर्माण में इनका भी योगदान सराहनीय रहा.
दकश्यानी वेलयुद्धन
दकश्यानी वेलयुद्धन का जन्म 4 जुलाई 1912 को कोचीन में बोल्गाटी द्वीप पर हुआ था. इन्हें अनुसूचित जातिवर्ग के लोगों की आवाज उठाने के लिए को जाना जाता है.
पूर्णिमा बनर्जी
पूर्णिमा बनर्जी भी संविधान सभा की सदस्य थी. समाजवादी विचारधारा से प्रेरित पूर्णिमा बनर्जी उत्तर प्रदेश में आजादी की लड़ाई के लिए बने महिलाओं के समूह की सदस्य थी.
एनी मसकैरिनी
एनी मसकैरिनी का जन्म तिरुवनंतपुरम में हुआ था. 1951 के आम चुनावों में वे लोकसभा सदस्य के रुप में चुनी गई थी. संविधान निर्माण में इनका भी योगदान रहा.