विनीत अग्रवाल/अमरोहा : नोएडा की वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र की अपहरण के बाद निर्मम हत्या कर दी गई. हत्‍या के बाद उसका शव अमरोहा के गजरौला इलाके में टेवा फैक्ट्री के सामने जंगल में गड्ढा खोदकर दबा दिया गया. इतना ही नहीं आरोपियों ने छात्र के परिजनों से 6 करोड़ की फिरौती भी मांगी. इस पर परिजनों को बेटे के अपहरण की जानकारी हुई. इसके बाद परिजनों ने नोएडा के दादरी थाने में बेटे के अपहरण और फिरौती मांगने का मामला दर्ज कराया. पुलिस ने एक एक कर कई आरोपियों को हिरासत में लिया.


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यह है पूरा मामला 
दरअसल, गजरौला कोतवाली इलाके के मौहल्ला टीचर्स कालोनी निवासी प्रदीप मित्तल बड़े इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी हैं. परिवार में उनकी पत्नी के अलावा एक बेटी इशिका मित्तल और एक बेटा यश है. दोनों बच्चे नोएडा की वेनेट यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं. बेटी बीबीए चतुर्थ वर्ष की छात्रा है, जबकि बेटा BBA प्रथम वर्ष में था. दो दिन पूर्व यानी 26 फरवरी की शाम उनका बेटा यश मित्तल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से लापता हो गया. 


बेटे के फोन से पिता को आया मैसेज 
इसके बाद पिता प्रदीप मित्तल के पास बेटे के फोन से मैसेज आया कि आपका बेटा हमारे पास है. इसकी कीमत छह करोड़ रुपये है. मैसेज देखकर परिवार के लोग घबरा गए और नोएडा पहुंचे. यहां यूनिवर्सिटी पहुंचकर वार्डन से बेटे के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि उनका बेटा हॉस्टल से शाम को जाने के बाद वापस नहीं आया है. 


दोस्‍तों ने ही हत्‍या कर शव जंगल में दफनाया 
इसके बाद परिजन नोएडा के दादरी थाने पहुंचे और पुलिस को बेटे के अपहरण और छह करोड़ रुपये फिरौती मांगने की बात बताई. इस पर नोएडा पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर उसके कई दोस्तों को हिरासत में लिया. साथ ही बुधवार को गजरौला के मौहल्ला तिगरिया भूड़ पहुंचकर एक युवक को हिरासत में लिया और उसकी निशानदेही पर छात्र के शव को तेवा फैक्ट्री के सामने स्थित खेत से गड्ढा खोदकर बरामद किया. स्थानीय लोगों द्वारा सूचना मिलते ही गजरौला पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. फिलहाल छात्र के शव को पीएम के लिए भेजा गया है. 



पुलिस पूछताछ में आरोपी रचित ने बताया कि उसकी और उसके तीन अन्य दोस्त शुभम उपाध्याय, सुशांत और सुमित प्रधान की पिछले साल नवंबर में दोस्ती हुई थी. ये लोग अक्सर यश मित्तल के साथ पार्टी किया करते थे. रचित ने बताया कि बीते 26 फरवरी को इन लोगों ने यश मित्तल को फोन करके पार्टी करने के लिए बैनेट यूनिवर्सिटी से गजरौला बुलाया. ये सभी भी गजरौला के थे. 


वहीं मृतक यश भी गजरौला का था. ऐसे में यश इनके बुलाने पर पार्टी करने के लिए गजरौला पहुंच गया. इसके बाद यश मित्तल और इन चारों ने मिलकर एक साथ रचित के खेत में बैठकर पार्टी की. पार्टी के दौरान यश मित्तल और इन चारों की किसी बात को लेकर बहस शुरू हो गई. इसी दौरान यश ने चारों साथियों को बोला कि कब तक तुम लोग मेरे पैसे का खाते पीते रहोगे, जिसके बाद इन चारों ने मिलकर यश मित्तल का गला दबाकर हत्या कर दी. उसके बाद करीब 5 से 6 फीट का गड्ढा खोदकर शव को गाड़ दिया गया.


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