Sambhal Postmertem Report: संभल में पुलिस की गोलियों से नहीं हुईं मौतें तो किसने चलाई गोली? मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चौंकाने वाले खुलासे
Sambhal Postmertem Report:संभल हिंसा पर संग्राम अभी थमता नजर नहीं आ रहा है. इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इस बीच जहां एक ओर झड़प में मारे गए चार लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं तो वहीं पुलिस के दावे ने खलबली मचा दी है. क्या है पूरा मामला पढ़िए.
Sambhal Postmertem Report: संभल हिंसा का मामला अभी शांत होता नहीं दिख रहा है. एक-दूसरे पर आरोप लगाने का दौर अभी जारी है. इस बीच जहां एक ओर झड़प में जान गंवाने वाले चार लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. वहीं, दूसरी ओर पुलिस ने एक ऐसा दावा किया है, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है. दरअसल, मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि उनके शरीर पर मिले घाव उन गोलियों से मेल नहीं खाते, जिन्हें यूपी पुलिस इस्तेमाल करती है. यह जानकारी मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने साझा की है. हालांकि, पोस्टमार्टम के दौरान शवों से कोई गोली बरामद नहीं हुई है. पहले आरोप लग रहे थे कि इन चारों लोगों की मौत पुलिस की फायरिंग में हुई है.
क्या कहती है पोस्टमार्टम रिपोर्ट?
जिन चार लोगों की मौत हुई है, उनमें अयान, बिलाल, नईम और कैफ का नाम शामिल है. इन सभी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स सार्वजनिक नहीं की गई है. एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने भी पुष्टि की है कि चारों शवों से पोस्टमार्टम के दौरान कोई गोली नहीं मिली है, क्योंकि गोलियां सभी के शरीर से बाहर निकल गई थीं. रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि अयान को पेट में गोली लगी थी, जिसकी वजह से उसका लीवर क्षतिग्रस्त हो गया था. बाकी तीनों को सीने में चोटें आईं थीं. रिपोर्टस में चार में से तीन युवकों को मौत से पहले चोटें आईं थीं. बिलाल के घुटनों और कोहनी पर, कैफ के घुटनों, हाथों और पैरों पर और नईम के माथे, कोहनी और घुटनों पर चोटें देखी गईं हैं.
फरेंसिक जांच के लिए जाएगी रिपोर्ट
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, गोली के घावों की रिपोर्ट और तस्वीरें फरेंसिक जांच के लिए जाएंगी. जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि उन्हें किस तरह की गोली से मारा गया है. पहले दावा किया जा रहा था कि सभी की मौत पुलिस की गोलियों से हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सभी दावों को खारिज कर दिया है. इस बीच पुलिस ने भी बड़ा दावा कर दिया है. पुलिस का दावा है कि नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए संभल में बवाल कराया.
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संभल हिंसा पर पुलिस का दावा
दरअसल, संभल कोतवाली में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराई है. इस एफआईआर में कहा गया है कि 22 नवंबर को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जुमे की नमाज अदा करने के बाद बिना अनुमति के भीड़ को इकट्ठा कर भड़काऊ भाषण दिया था. उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए भीड़ को उग्र किया था. फिर 24 नवंबर को सर्वे के दौरान संभल से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल ने भीड़ से कहा कि सांसद बर्क हमारे साथ हैं. हम तुम्हें कुछ नहीं होने देंगे. अपने मंसूबे पूरे कर लो. इसकी वजह से ही उपद्रव हुआ और गोली मारकर सीओ की हत्या की भी कोशिश की गई. ये एफआईआर संभल कोतवाली में तैनात दरोगा दीपक राठी ने दर्ज कराई है.
एफआईआर में क्या कहा?
एफआईआर में दावा किया गया है कि चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने 19 नवंबर को टीम गठित कर संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था. 24 नवंबर की सुबह करीब नौ बजे सर्वे टीम सर्वे कर रही थी. वहां सीओ अनुज चौधरी और अन्य अधिकारी पुलिसकर्मियों के साथ जामा मस्जिद के गेट पर मौजूद थे. इसी दौरान 700-800 लोगों की भीड़ आ गई. आपको बता दें, इस हिंसा में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद करते हुए 700-800 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और इस मामले की जांच हो रही है.