10 घंटे का 'बर्फीला किस' और... प्लूटो को कैसे मिला अपना सबसे बड़ा उपग्रह चारोन? नई स्टडी में खुलासा
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10 घंटे का 'बर्फीला किस' और... प्लूटो को कैसे मिला अपना सबसे बड़ा उपग्रह चारोन? नई स्टडी में खुलासा

How Pluto and Charon Formed: एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि प्लूटो और उसके चंद्रमा 'चारोन' का मिलन अनोखी 'किस एंड कैप्चर' प्रक्रिया के जरिए हुआ था.

10 घंटे का 'बर्फीला किस' और... प्लूटो को कैसे मिला अपना सबसे बड़ा उपग्रह चारोन? नई स्टडी में खुलासा

Science News in Hindi: प्लूटो और उसके सबसे बड़े चंद्रमा, चारोन के निर्माण को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि इन दोनों का मिलन एक 'चुम्बन और कब्जा' (kiss and capture) प्रक्रिया के जरिए हुआ था. इस हाइपोथिसिस के अनुसार, लगभग 4.5 अरब वर्ष पहले, प्लूटो और चारोन के बीच एक टक्कर हुई. इस टक्कर की वजह से वे अस्थायी रूप से एक साथ जुड़े और फिर अलग हो गए और अपनी वर्तमान कक्षाओं में एडजस्ट हो गए. यह स्टडी Nature Geoscience जर्नल में छपी है.

प्लूटो और चारोन का 'किस एंड कैप्चर'

अब तक के अधिकांश सिद्धांतों के अनुसार, प्लूटो और चारोन का निर्माण एक विशाल टक्कर से हुआ था. ठीक वैसे ही जैसे पृथ्‍वी और उसके चंद्रमा का निर्माण समझा जाता है. इसमें प्लूटो के साथ एक बड़ा पिंड टकराया और उसके बाद चारोन का निर्माण हुआ. हालांकि, इस नई स्टडी के अनुसार, प्लूटो और चारोन की टक्कर के बाद वे एक साथ जुड़े रहे, एक 'कॉंटेक्ट बाइनरी' (contact binary) के रूप में, और फिर धीरे-धीरे अपनी वर्तमान कक्षाओं में स्थापित हो गए.

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स्टडी में कहा गया, 'इस किस एंड कैप्चर में किस बहुत छोटा है, पृथ्‍वी के समय में कहें तो, यह 10 से 15 घंटे तक चलता है, उसके बाद दोनों पिंड फिर से अलग हो जाते हैं. इसके बाद चारोन अपनी वर्तमान स्थिति की ओर धीरे-धीरे बाहर की ओर पलायन करना शुरू कर देता है.'

स्टडी से क्या-क्या पता चला

प्लूटो और चारोन दोनों ही बर्फ और चट्टान से बने हैं, और उनकी सतहें एक-दूसरे के प्रति हमेशा एक जैसी रहती हैं. यह दिखाता है कि ये दोनों एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं.

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प्लूटो और चारोन की कक्षाएं एक-दूसरे के साथ लगभग समानांतर हैं. जो यह संकेत देती हैं कि ये दोनों एक साथ जुड़े हुए थे और फिर धीरे-धीरे अपनी वर्तमान कक्षाओं में स्थापित हो गए.

वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन के जरिए यह दिखाया कि प्लूटो और चारोन की टक्कर के बाद वे एक साथ जुड़े रहे और फिर कैसे धीरे-धीरे अपनी वर्तमान कक्षाओं में स्थापित हो गए.

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