Parliament attack News: संसद हमले की बरसी पर लोकसभा के भीतर और पार्लियामेंट के बाहर हंगामा करने वालों को इसका बेहद गंभीर नतीजा भुगतना पड़ सकता है. इन चारों आरोपियों पर UAPA लगाया गया है और इसमें अधिकतम सजा उम्रकैद से लेकर मृत्युदंड तक है. दिल्ली पुलिस ने केस में गिरफ्तार चारों आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया और 15 दिन की हिरासत मांगी. उसे आरोपियों की सात दिन की रिमांड मिली है. उधर, संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में लोकसभा सचिवालय में सिक्योरिटी से जुड़े आठ लोगों को सस्पेंड भी कर दिय गया है. 


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पुलिस ने आरोपियों मैसुरू के मनोरंजन, लखनऊ के सागर शर्मा, महाराष्ट्र के अमोल शिंदे और हरियाणा के जींद जिले की नीलम आजाद को कोर्ट में पेश किया. अब ये मामला एनआईए के सुपुर्द कर दिया गया, ऐसे में NIA की विशेष जज की विशेष अदालत में आरोपियों को लाया गया. 



पुलिस ने अदालत से आरोपियों को पूछताछ के लिए मांग रखी. आरोपियों पर आईपीसी की धाराओं के अलावा बेहद सख्त आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं. संसद पर 2001 में हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार
को इस घटना को अंजाम दिया गया था.


पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों में बाधा डालना) और आईपीसी की धारा 353 (लोक सेवकों को ड्यूटी से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के साथ यूएपीए की धारा 16 और 18 लगाई गई है. 


लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विजिटर्स गैलरी से दो युवक सागर शर्मा और मनोरंजन सदन के अंदर कूद गए थे. केन के जरिये पीले रंग का धुआं फैलाकर नारेबाजी की गई. दोनों को सांसदों ने दबोच लिया और जमकर धुनाई भी की. इसी दौरान रंगीन धुआं छोड़ने वाली केन लेकर संसद भवन के बाहर भी एक पुरुष और एक महिला ने प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी