लखनऊ : यूपी एटीएस ने मानव तस्करी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार शख्स का नाम मोहम्मद अब्दुल अव्वल है. कुछ व्यक्तियों द्वारा मानव तस्करी करने के लिए एक सिंडिकेट बनाया गया था, जो अवैध रूप से घुसपैठियों को उनकी पहचान छिपाकर भारत के दस्तावेज उपलब्ध कराते थे. इस तरह भारत में उन्हें स्थापित करके देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे.


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गिरोह के तीन सदस्यों को 7 नवंबर को जेल भेजा जा चुका है. बताया जा रहा है कि मोहम्मद अब्दुल अव्वल को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. दिल्ली में मोहम्मद अव्वल किराए की दुकान में फिनो बैंक की मर्चेंट आईडी लेकर बैंक खाता खोलने व मनी ट्रांसफर करने का काम कर रहा था.


यूरोपीय देशों से आए पैसे


बताया जा रहा है कि कोरोना कल में अब्दुल गफ्फार नाम के व्यक्ति से अव्वल की मुलाकात हुई थी. गफ्फार के कहने पर ही फिनो बैंक की मर्चेंट आईडी लेकर अवैध रूप से रह रहे लोगों के खाता खोल रहा था.
जिसमें गफ्फार के NGO के विदेशी धन को ट्रांसफर किया जा रहा था. अभी तक डॉक्टर अब्दुल गफ्फार के एनजीओ से यूरोपीय देशों से लगभग 19 ,20 करोड रुपए प्राप्त हो चुके हैं. 
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एटीएस ने की पूछताछ


एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल के मुताबिक ''पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर सिंडिकेट के एक और सदस्य मोहम्मद अब्दुल अव्वल को भी गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में उसने बताया कि वह दिल्ली के श्रम विहार में रहता है. किराये की दुकान में फिनो पेमेंट बैंक की मर्चेंट आईडी लेकर बैंक खाते खोलने व मनी ट्रांसफर का काम करता है. कोरोना काल में उसकी मुलाकात डॉ. अब्दुल गफ्फार से दिल्ली में हुई थी. डॉ. गफ्फार व उसके सहयोगियों ने बताया कि अगर फिनो बैंक में रोहिंग्या, बांग्लादेशी, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मुस्लिमों के नाम पर खाते खोल ले, तो उसमें डॉ. गफ्फार अपने एनजीओ के एफसीआरए खाते में आने वाले विदेशी धन को ट्रांसफर कर देगा. ट्रांसफर की गयी धनराशि को नकद निकाल कर उसका इस्तेमाल अपने फायदे और अवैध घुसपैठियों की सहायता के लिए हो सकता है.''