पिथौरागढ़: करीब एक दशक के लंबे इंतजार के बाद चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क बनकर तैयार हो गई है। जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्र को समर्पित किया. उन्होंने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पिथौरागढ़ ज़िले में सड़क का उद्घाटन किया. इस दौरान रक्षा मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर आईटीबीपी और एसएसबी के छोटे वाहनों को धारचूला के लिए रवाना किया. चीन सीमा तक सड़क बनने से देश सामरिक रूप से मजबूत हुआ है. क्योंकि इससे सेना के साथ-साथ मानसरोवर यात्रियों को भी बड़ी राहत मिलेगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण है सड़क का निर्माण
पिथौरागढ़ के नैनी-सैनी एयरपोर्ट पर आयोजित ई उद्घाटन कार्यक्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सड़क निर्माण को लेकर बीआरओ को बधाई दी, साथ ही सड़क को सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण बताया. वहीं जिला प्रशासन और बीआरओ के अधिकारियों ने नैनी-सैनी एयरपोर्ट से सेना और अर्धसैनिक बलों के वाहन लिपुलेख के लिए रवाना किए.  सिविल गाड़ियां को भी कुछ दिनों बाद सड़क पर संचालन की अनुमति मिल जाएगी.


बॉर्डर पर सेना का पहुंचना होगा आसान
चीन सीमा को जोड़ने वाली इस सड़क के निर्माण से बॉर्डर पर तैनात सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को आवाजाही में सुविधा होगी. सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवान अग्रिम चौकियों तक वाहनों से पहुंच सकेंगे.


कैलाश मानसरोवर यात्रियों को मिलेगी राहत
पिथौरागढ़ के डीएम विजय कुमार ने बताया कि सड़क के बनने से कैलाश मानसरोवर यात्रा और छोटा कैलाश की यात्रा आसान होगी. अब कैलास मानसरोवर यात्रा का 80 फीसद सफर भारत में और 20 फीसद  सफर चीन में वाहनों से पूरा होगा. साथ ही  पलायन करने वाले सीमांत के हजारों परिवारों को भी बड़ी राहत मिलेगी.


ये भी पढ़ें: सड़क पर ही हुई महिला की डिलीवरी, अस्पताल ने भर्ती करने से किया इनकार


सड़क निर्माण में लगा 12 साल का वक्त
आपको बता दें कि लिपुलेख सड़क के निर्माण का जिम्मा 2008 में बीआरओ को सौंपा गया था. विषम भोगौलिक परिस्थितियों के चलते बीआरओ को सड़क की कटिंग में 12 साल का समय लग गया. अब तवाघाट से लिपुलेख सीमा तक 95 किमी सड़क की कटिंग हो चुकी है.   


WATCH LIVE TV: