इंसानियत पर से भरोसा उठाने का ये पूरा मामला शिकोहाबाद के नगला बाजदार का है. यहां गांव की एक महिला को लेबर पेन उठने के बाद उसे निजी अस्पताल ले जाया गया. उस वक्त अस्पताल ने ये कहकर महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया कि हॉस्पिटल बंद हो चुका है. जब तक परिजन उसे किसी और अस्पताल में ले जाते, तब तक महिला ने सड़क के किनारे ही बच्चे को जन्म दे दिया.
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प्रेमेंद्र कुमार/फिरोज़ाबाद: लॉकडाउन में मानवता को शर्मसार करने वाला एक वाक्या शिकोहाबाद में घटा. यहां एक महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. लेबर पेन होने के बाद जब महिला अस्पताल पहुंची तो कर्मचारियों ने ज़रा भी संवेदना न दिखाते हुए उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद महिला की डिलीवरी सड़क पर ही हो गई.
SDM बोले, 'कोई बात नहीं, अस्पताल भिजवाया जा रहा है'
महिला की सड़क पर ही हुई डिलीवरी का मामला जानने के बाद ज़िले के एसडीएम मौके पर पहुंचे. उन्होंने मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद कहा कि महिला की प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई है, हालांकि अस्पताल के रवैये पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं. अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए एसडीएम ने महिला के एम्बुलेंस बुलाई और संयुक्त अस्पताल भिजवाया.
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क्या था पूरा मामला?
इंसानियत पर से भरोसा उठाने का ये पूरा मामला शिकोहाबाद के नगला बाजदार का है. यहां गांव की एक महिला को लेबर पेन उठने के बाद उसे निजी अस्पताल ले जाया गया. उस वक्त अस्पताल ने ये कहकर महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया कि हॉस्पिटल बंद हो चुका है. जब तक परिजन उसे किसी और अस्पताल में ले जाते, तब तक महिला ने सड़क के किनारे ही बच्चे को जन्म दे दिया.