जितेंद्र पंवार/ कर्णप्रयाग: उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद एक और इलाके में मकान धंसने की खबरों ने हड़कंप मचा दिया है. कर्णप्रयाग नगरपालिका के तहत बहुगुणा नगर में रहने वाले लोग खौफ के साये में हैं. यहां जमीन धंस जाने से चालीस से ज्यादा भवनों में दरारें पड़ गई हैं. सैकड़ों परिवार खतरे की जद में हैं. मगर शासन प्रशासन कोई सुध नही ले रहा है. लोगों का कहना है कि जल्द यहां के लोगों का विस्थापन नहीं किया गया तो लोकसभा चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा. 


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चमोली जिले में संकट
चमोली जिले के अंतर्गत कर्णप्रयाग में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊपर बहुगुणा नगर की जमीन बीते तीन सालों से धंस रही है. जिससे यहां के करीब चालीस भवनों पर बड़ी बड़ी दरारें पड़ी है. इससे यहां रहने वाले लोग परेशान और चिंतित हैं. प्रशासन द्वारा भवनों और आवासिय भवनों को असुरक्षित घोषित कर भवनों को खाली करने के नोटिस चस्पा कर दिए गए है. ऐसे में अब लोग जाए तो जांए कहां?


बहुगुणा नगर के आपदा पीड़ित लोगों का कहना है कि प्रशाषन के नोटिस के बाद जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम है वे घरों को छोड़ का जा चुके लेकिन जिनकी रोजी रोटी यहां से जुटी है वे इन्ही छतिग्रस्त भवनों में रहने को मजबूर है. आपदा पीड़ितों ने बताया कि कई नेता और अधिकारियों द्वारा यहां आकर बड़े बड़े वादे किए गए मगर अभी तक पीडित लोगो को राहत नही मिल पाई. लोगो का कहना है कि आज हमारा भरोषा सरकारों से भी उठ गया. आगामी लोकसभा चुनावों तक यदि आपदा पीड़ितों का पुनर्वास हो गया तो ठीक नही तो आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा. 


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स्थानीय लोग परेशान
स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारी जीवन भर की कमाई मकान पर लगाई है, लेकिन आज मकान की यह हालत देख आंखों में आंसू आ रहे है लेकिन हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है. इन दिनों कुदरती कहर और ठंड  आफत के बीच खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं. यहां के बहुगुणा नगर में जमीन धंस गई है जिसकी वजह यहां के कई घरों में दरारें आ गई है. हालत ये है कि यहां के 22 परिवार रात को सो नही पा रहे हैं. घर के आंगन जमीन धंसने के कारण तिरछे हो गए है. मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गईं हैं