पुष्कर चौधरी/चमोली: आज बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर बद्रीनाथ जी के कपाट खुलने की तिथि तय की गई है. उत्तराखंड स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को ब्रह्ममुहुर्त में सुबह 6 बजे खुलेंगे. बसंत पंचमी के अवसर पर नरेंद्रनगर (टिहरी) स्थित राजदरबार में कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई. नरेंद्रनगर टिहरी स्थित राजदरबार में तारीखों का ऐलान हुआ. 


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बसंत पंचमी को नरेंद्र नगर टिहरी में भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने की तिथि निकाली गई.  नरेंद्रनगर राज दरबार में भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय होने से पहले विशेष पूजा की गई. राज पुरोहित के द्वारा ,टिहरी रियासत के अंतिम राज परिवार के महाराजा मनुजेंद्र शाह और भवानी पंवार की मौजूदगी में बसंत पंचमी के पर्व पर कपाट खोलने की रस्म शुरू की गई.


श्री बदरीविशाल के कपाट आम दर्शनार्थियों के लिए 12 मई, सुबह 6 बजे को विधिवत खोल दिये जायेंगे. परंपरा के अनुसार सदियों से प्रत्येक वर्ष श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बोलान्दा बदरी टिहरी दरवार देखरेख में "टिहरी राजगुरू नौटियाल परिवार" द्वारा ही खोले जाते हैं। उक्त परम्परा वर्तमान समय में भी जारी है.


अलकनंदा नदी के बायीं तरफ बसे आदितीर्थ बद्रीनाथ धाम श्रद्धा व आस्था का अटूट केंद्र है.  यह तीर्थ हिंदुओं के चार प्रमुख धामों में से एक है.  यह पवित्र स्थल भगवान विष्णु के चतुर्थ अवतार नर एवं नारायण की तपोभूमि है.  इस धाम के बारे में कहावत है कि-"जो जाए बद्री,वो न आए ओदरी"यानि जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है उसे माता के गर्भ में दोबारा नहीं आना पड़ता. यानी कि प्राणी जन्म और मृत्यु के चक्र से छूट जाता है.


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