उत्तराखंड की आग में 17 लापरवाह अफसर पर गिरी गाज, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बीच सीएम धामी का एक्शन
Uttarakhand Forest Fire : उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की घटनाओं को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने आग की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम बारिश या क्लाउड सीडिंग के भरोसे हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रह सकते.
Uttarakhand Forest Fire : उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. सीएम धामी के निर्देश पर वन विभाग के 17 अधिकारियों पर गाज गिरी है. साथ ही वन विभा के 10 कर्मचारियों को निलंबित भी कर दिया गया है. अब तक उत्तराखंड में आग की घटनाओं को लेकर 338 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है.
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग की घटनाओं को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने आग की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम बारिश या क्लाउड सीडिंग के भरोसे हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रह सकते. उत्तराखंड सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने सुनवाई की.
सरकार ने सौंपी रिपोर्ट
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि हर साल उत्तराखंड और अन्य पर्वतीय इलाकों में ऐसी आग लगती है फिर भी कोई दीर्घकालिक नीति नहीं है. जंगल की भूमि का इस्तेमाल बदलने के लिए भू-माफिया हर साल ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं. उत्तराखंड सरकार ने इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई पर अपनी अंतरिम रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपी है.
आग की घटनाओं पर सरकार को लगाम लगाने का आदेश
कोर्ट ने सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी को इस रिपोर्ट का अध्ययन करने और कोर्ट को जरूरी सुझाव देने को कहा है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि नवंबर से अब तक आग लगने के 398 मामले दर्ज किए गए हैं. इसमें 62 नामजद FIR भी दर्ज हुई है. राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि अब हालात पहले से बेहतर है. कोर्ट इस मामले में 15 मई को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने राज्य सरकार को जल्द ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने का आदेश भी दिया है.
जल संरक्षण को लेकर प्रबंधन किया जा रहा
वहीं, उत्तराखंड प्रमुख वन संरक्षण धनंजय मोहन ने कहा कि जंगलों में जल संरक्षण को लेकर प्रबंधन किया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं. साथ ही वन पंचायत को भी पुरस्कृत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आग को बुझाने में वन पंचायत की अहम भूमिका होती है. 4 हजार फायर वॉचर काम कर रहे हैं. वन कर्मियों का बीमा करने का भी फैसला लिया गया है. मुख्यालय के अधिकारी जिलों में मॉनीटरिंग कर रहे हैं. लापरवाही करने पर वन विभाग के 10 कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है. अभी तक 388 केस दर्ज किए जा चुके हैं.
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