रामानूज/देहरादून : उत्तराखंड में पिरान कलियर शरीफ में हजरत साबिर मखदूम शाह का 755 वां उर्स शुरू हो चुका है. इसमें शिरकत करने हर साल यहां लाखों की तादाद में जायरीन आते है. इनमें बांग्लादेश, पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका जैसे देशों के जायरीन शामिल हैं. पाकिस्तान समेत अन्य देशों से आने वाली जायरीनों को को गंगाजल और गीता भेंट की जाएगी. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चेयरमैन शादाब शम्स का कहना है कि ''पाकिस्तान से सोमवार को 110 जायरीन रुड़की पहुंच रहे हैं. भाईचारे के संदेश के लिए उन्हें गीता और गंगाजल भेंट किया जाएगा.'' 


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उनका कहना है कि ''इससे दोनों देशों में शांति का पैगाम देना है. दोनों देश के लोग एक दूसरे के धर्म का सम्मान करें. ऐसे में वर्क बोर्ड की तरफ से पाकिस्तान से आने वाले शायरीनों को गीता और गंगाजल भेंट किया जाएगा. 5 दिन तक चलने वाले इस मेले में देश-विदेश के जरीन आते हैं. फिलहाल शादाब शम्स का कहना है कि केंद्र सरकार हर बात का मुंहतोड़ जवाब भी देना जानती है.''


उन्होंने कहा ''हम सभी वसुधैव कुटुम्बकम की परंपरा को मानने वाले लोग हैं, हम चाहते हैं कि सारी दुनिया एक हो और इसी को लेकर हम लोगों ने यह फैसला लिया है. इस बार पाकिस्तान से आने वाले तमाम पाकिस्तानी जायरीनों को उर्स के मौके पर गंगाजल और गीता दी जाएगी.'' 


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उत्तराखंड का पांचवां धाम
उत्तराखंड में पांचवें धाम के नाम से मशहूर साबिर मखदूम शाह की दरगाह हरिद्वार जिले के कलियर में मौजूद है. यह दरगाह 755 साल से भी अधिक पुरानी है. दरगाह की प्रसिद्धि सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में है. बताया जाता है कि हर साल पाकिस्तान से भी सैकड़ों लोग इस दरगाह पर उर्स के मौके पर अपनी आस्था के कारण यहां पहुंचते हैं. अब तक 110 लोगों ने यहां आने के लिए पंजीकरण कराया है.


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