Uttarakhand news: उत्तराखंड में इन दिनों बाघ और गुलदार के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. नए साल की शुरुआत में ही अब तक तीन लोग मारे जा चुके हैं और 7 लोग घायल हो चुके हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है. तो वहीं वन विभाग भी अब हरकत में आ गया है. विभाग द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई है.  हालात ऐसे हैं की राजधानी देहरादून में अब शहरी इलाकों में भी गुलदार की दहशत बढ़ चली है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को वन विभाग के आला अधिकारियों को तलब किया और उनको 24 घंटे निगरानी रखने के निर्देश दिए.  


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हाई पावर मीटिंग बुलाई गई
मंगलवार को वन विभाग में एक हाई पावर मीटिंग बुलाई गई. जिसमें फॉरेस्ट के अनूप मलिक और फॉरेस्ट वाइल्डलाइफ चीफ समीर सिन्हा समेत सभी आला अधिकारी मौजूद रहे. सभी डीएफओ भी वर्चुअल माध्यम से इस बैठक में जुड़े रहे. फॉरेस्ट के ने सीधे निर्देश दिए कि किसी भी जनपद में अगर घटनाएं हो रही हैं तो उन पर निगरानी रखी जाए पेट्रोलिंग ज्यादा से ज्यादा बढ़ाई जाए कैमरा ट्रैप में जहां बाग की हरकत दिख रही है वहां पिंजरा लगाकर उसे पकड़ने की कोशिश की जाए.


प्रमुख वन संरक्षक ने कहा 
फॉरेस्ट के अधिकारियों का कहना है की जाड़ों के दिनों में जब विजिबिलिटी कम होने लगती है. इसका फायदा बाघ और गुलदार उठाते हैं. जिसका फायदा उठाकर कई बार वह इंसानी बस्तियों की ओर भी रुख करते हैं. फॉरेस्ट के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बाघ और गुलदार के मूवमेंट पर पूरी नजर रखें. रात में भी पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है.


विभाग की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई है. जिसमें 2011 से लेकर 2023 तक का आंकड़ा दिया गया है. इस रिपोर्ट में गुलदार के हमले से मरने व घायल होने वाले लोगों की संख्या कितनी रही है.  ये पूरी रिपोर्ट नीचे क्रमानुसार दी गई है. 


साल 2011 में 204 घायल , 50 मौत


साल 2012 में 226 घायल, 51 मौत


साल 2013 में 288 घायल, 52 मौत


साल 2014 में 347 घायल , 52 मौत


साल 2015 में 311 घायल, 205मौत


साल 2016 में 340 घायल, 66 मौत


साल 2017 में 249 घायल, 39 मौत


साल 2018 में 239 घायल, 52 मौत


साल 2019 में 260 घायल, 58 मौत


साल 2020 में 324 घायल, 67 मौत


साल 2021 में 361 घायल, 71 मौत


साल 2022 में 325 घायल , 82 मौत


साल 2023 में 300 घायल, 65 मौत


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