Uttarkashi Tunnel Accident Hero:टनल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे मजदूरों का मसीहा निकला पहाड़ का ये `गब्बर`
The Real Hero Gabbar Singh: उत्तराखण्ड टनल हादसे में फंसे सभी 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला गया है. सुरंग के अंदर जब भी उम्मीद कुछ कमजोर पड़ने लगती, फोरमैन गब्बर सिंह साथियों का हौसला कुछ तरह बढ़ा रहे थे.
Uttarkashi Tunnel News: उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों के सकुशल बाहर निकाले जाने के लिए सरकार ने गंभीरता से मोर्चा संभाला और देश ने दुआएं की. मगलवार की रात सभी श्रमिकों को सुरंग से सुरक्षित निकाला गया है. हादसे का शिकार हुए श्रमिकों ने 17 दिन सुरंग में बिताए. इन्ही मजदूरों में से एक मजदूर ऐसा भी है जो इस पूरे हादसे में किसी हीरो से कम नहीं है. इस साहसी मजदूर का नाम गब्बर सिंह नेगी है. फोरमैन गब्बर सिंह नेगी पहले भी एक बार इस तरह के हादसे का शिकार हो चुके हैं. उन्हें विश्वास था कि इतनी कोशिशें कभी बेकार नहीं जाएंगी और उन्हें जरूर निकाला जाएगा. इसी बात का यकीन वह अपने बाकी साथियों को भी दिलाते रहे. गब्बर सिंह नेगी अलग अलग तरह से मजदूरों का हौसला बढ़ा रहे थे ताकि उनकी उम्मीद कमजोर न पड़े.
पौड़ी जिले के कोटद्वार निवासी गब्बर सिंह नेगी पिछले 25 वर्षों से सुरंग निर्माण कंपनियों से जुड़े हैं. उन्हें सुरंग निर्माण के दौरान होने वाली भूस्खलन की घटनाओं का भी अनुभव है. पिछली बार हुए हादसे में गब्बर सिंह नेगी ने 7 दिन इसी तरह बिताए थे और अंत में सुरक्षित बहार निकले. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि इस बार भी वह देर में ही सही बाहर आकर फिर से अपने परिवार के बीच होंगे. उनका यह अनुभव, विश्वास और उम्मीद बाकी श्रमिकों को भी ताकत दे रहा था.
ऐसे कायम रही उम्मीद
जब पाइप अंदर पहुंचा तो गब्बर सिंह अपने बड़े भाई जयमल नेगी से नियमित बात कर रहे थे. वह सुरंग के अंदर से बताते थे कि वह सभी मजदूरों को नियमित टहलने, योग करने और मनोरंजन के लिए कुछ खेल खेलने को कहते थे. वह सभी श्रमिकों के पास जाकर उनका हाल चाल पूछते और उन्हें ढांढस बंधाते. इतना ही नहीं चिकित्सा टीम से जो भी निर्देश दिए जाते हैं, गब्बर सिंह उनका पालन भी करवाते रहे. मजदूरों को गब्बर सिंह के होने से बहुत सम्बल और साहस मिला. गब्बर सिंह नेगी पर उनके परिवार के साथ साथ बाकी देशवासियों को भी गर्व है कि कैसे उन्होंने किसी भी मजदूर को मानसिक रूप से कमजोर नहीं पड़ने दिया.