धामी ने लखनऊ से पढ़ा राजनीति का ककहरा, ABVP से जुड़े, साथियों ने कर दी थी उत्तराखंड के सीएम बनने की भविष्यवाणी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आज जन्मदिन है. यूपी के सीएम योगी, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत देश के कई दिग्गज नेताओं ने सीएम धामी को बधाई दी और उनकी लंबी उम्र की कामना की. धामी उत्तराखंड में बीजेपी के भरोसेमंद चेहरे के तौर पर उभरे हैं.
Pushkar Singh Dhami Birthday: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आज जन्मदिन है. यूपी के सीएम योगी, पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत देश के कई दिग्गज नेताओं ने सीएम धामी को बधाई दी और उनकी लंबी उम्र की कामना की. धामी उत्तराखंड में बीजेपी के भरोसेमंद चेहरे के तौर पर उभरे हैं. सरल स्वभाव और बेदाग छवि के चलते हर राजनीतिक दल में वह लोकप्रिय हैं. सियासत में बुलंदी हासिल करने वाल पुष्कर धामी का यूपी से भी खास नाता रहा है. लखनऊ यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ छात्र राजनीति का सफर अब देवभूमि में सीएम की कुर्सी तक पहुंचा है.
पिथौरागढ़ के टुंडी में जन्म
पुष्कर सिंह धामी का जन्म उत्तराखंड के सीमांत पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में 16 सितंबर 1975 को हुआ. उनके पिता भारतीय सेना में सूबेदार थे. पुष्कर सिंह धामी में सैनिक पुत्र होने के चलते राष्ट्रीयता, सेवाभाव और देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी है. बचपन से ही उनमें सामाजिक कामों में रुचि थी.छात्र जीवन से ही पुष्कर सिंह धामी मे लीडरशिप की झलक दिखाई देने लगी थी. समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने के इच्छा ने ही पुष्कर सिंह धामी को राजनीति में लाने में भूमिका निभाई.
लखनऊ से पढ़ाई और छात्र राजनीति
साल 1994 में लखनऊ यूनिवर्सिटी में बीए में प्रवेश लेने के बाद वह एबीवीपी में काफी सक्रिय रहे. लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्रों के हितों के मुद्दे उठाने के लिए खूब आंदोलन और संघर्ष किया. लखनऊ में हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में संयोजक एवं संचालक की प्रमुख भूमिका भी निभाई. आरएसएस से नेतृत्व के कई गुण सीखने वाले पुष्कर सिंह धामी राजनीति के पथ पर आगे बढ़ते रहे. उसी दौरान साथियों ने भविष्यवाणी कर दी थी कि वह एक दिन उत्तराखंड के सीएम बनेंगे.
उत्तराखंड की राजनीति में इंट्री
कुशल राजनेता के रूप में पुष्कर सिंह धामी की शुरुआत उत्तराखंड गठन के बाद हुई. उन्होंने उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में शानदार कार्य किया और अपनी योग्यता को साबित की. साल 2002 से 2008 तक वह बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे. इस दौरान उन्होंने पूरे राज्य का दौरा किया और बेरोजगार युवाओं के साथ मिलकर रैलियां और सम्मेलन किए. नतीजा यह रहा कि तत्कालीन प्रदेश सरकार ने स्थानीय युवाओं को राज्य के उद्योगों में 70 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया.
2012 में विधायक, 2021 में संभाली सीएम की कुर्सी
शहरी विकास अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में साल 2010 से 2012 तक काम करते हुए पुष्कर सिंह धामी ने शानदार सफलता हासिल की. वह 2012 के विधानसभा चुनाव में खटीमा सीट से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे और जनता की आवाज बनकर उभरे. वह 2017 में दूसरी बार भी विधायक चुने गए. 3 जुलाई 2021 को धामी ने प्रदेश के दसवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उनके नेतृत्व में ही 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश में फिर सरकार बनाई.
इन फैसलों ने दिलाई पहचान
उत्तराखंड भारत का पहला राज्य है, जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया गया. इसके अलावा नकल विरोधी कानून से लेकर कई ऐसे बड़े निर्णय लिए गए, जिसने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राष्ट्रीय स्तर पर एक शक्तिशाली नेता के तौर पर पहचान दिलाई.
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