Uinform Civil Code Rules in Uttarakhand: उत्‍तराखंड में यूसीसी (UCC) लागू हो गया है. यूसीसी लागू होने के बाद सबसे ज्‍यादा चर्चा लिव-इन में रहने के नियमों को लेकर हो रही है. उत्‍तराखंड में लिव-इन में रहने के लिए धर्म गुरुओं (पुजारी, पादरी और मौलाना) के चक्‍कर लगाने पड़ेंगे. नये नियमों के मुताबिक, अगर उत्‍तराखंड में लिव-इन में रहना है तो 16 पेज का एक फॉर्म भरना होगा. इतना ही नहीं धर्म गुरुओं से भी अनिवार्य रूप से प्रमाणपत्र लेना होगा.  


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यूसीसी में लिव-इन को लेकर नियमों की चर्चा तेज  
देवभूमि उत्‍तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी UCC लागू हो गया है. दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सवाल उठाया गया है कि लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण के लिए धर्म गुरुओं से प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से लेना होगा. इस पर यूसीसी नियमावली कमेटी के सदस्‍य मनु गौड़ ने इसको लेकर स्‍पष्‍ट जानकारी साझा की है. मनु गौड़ के मुताबिक, ऐसा उन रिश्तों के मामलों में करना होगा, जिन रिश्तों के बीच विवाह, प्रतिषिद्ध है, ऐसे रिश्तों का उल्लेख संहिता की अनुसूची 01 में स्पष्ट किया गया है. 
 
ये दस्‍तावेज देने होंगे 
उत्‍तराखंड में लिव इन रजिस्‍ट्रेशन के लिए सिर्फ निवास, जन्म तिथि, आधार और किराएदारी के मामले में किराएदारी से संबंधित दस्तावेज ही प्रस्तुत करने होंगे. इसके अलावा जिन लोगों का पहले तलाक हो चुका है, उन्हें विवाह खत्म होने का कानूनी आदेश प्रस्तुत करना होगा. साथ ही जिनके पति या पत्‍नी की मृत्‍यु हो चुकी है, या जिनका पहले में लिव इन रिलेशनशिप समाप्त हो चुका है, उन्हे इससे संबंधित दस्तावेज पंजीकरण के समय देने होंगे. 


ऐसे रिश्‍तों में कराना होगा पंजीकरण 
मनु गौड़ ने बताया कि अगर किसी का पूर्व में कोई रिश्‍ता रह चुका है और वह अनुसूची 01 में दर्ज प्रतिषिद्ध श्रेणी में आता है तो ऐसी स्थिति में धर्म गुरु से अनिवार्य रूप से प्रमाण पत्र की जरूरत होगी. उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में इस तरह के रिश्‍तों में विवाह करने वालों की संख्‍या बहुत कम है. वहीं, जिन समाजों में प्रतिषिद्ध श्रेणी के रिश्तों में विवाह होता है, वो भी धर्मगुरुओं के प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. 


1 साल रह रहे लोग करा सकते हैं पंजीकरण 
मनु गौड़ ने कहा कि यूसीसी के तहत उत्तराखंड में एक साल से रहने वाला कोई भी व्यक्ति अपना पंजीकरण करवा सकता है. उन्‍होंने कहा कि उत्‍तराखंड में दूसरे प्रदेशों के लोग भी यहां रह रहे हैं और वह सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, ऐसे में पंजीकरण कराने पर ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे. 



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