सतीश कुमार/काशीपुर/देहरादून: उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार (cabinet expansion in uttarakhand) की चर्चा खूब जोरों पर है. सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने में लगे हैं. सीएम धामी ने गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ साथ उत्तराखंड के राज्यपाल के आवास पर जाकर उनसे भी मुलाकात की जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है. पार्टी के सीनियर नेता नए दायित्व मिलने को लेकर उम्मीदें जता रहे हैं..


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धामी कैबिनेट में सात मंत्री
उत्तराखंड की धामी कैबिनेट में अभी सात कैबिनेट मंत्री हैं जबकि मंत्रियों के चार पद खाली हैं. इसके अलावा राज्यमंत्री के पद भी खाली हैं. आपको बता दें कि अभी पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट में 7 कैबिनेट मंत्री हैं. इनमें सतपाल महाराज के पास लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति और सिंचाई समेत 10 विभाग हैं. प्रेमचंद अग्रवाल के पास शहरी विकास, आवास और शिक्षा समेत 7 विभाग, धन सिंह रावत के पास बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा समेत 4 विभाग, गणेश जोशी के पास कृषि, ग्रामीण विकास समेत 9 विभाग, सुबोध उनियाल के पास वन समेत 4 विभाग, सौरभ बहुगुणा के पास पशुपालन, डेयरी समेत 6 विभाग और रेखा आर्य के पास महिला एवं बाल विकास समेत 4 विभाग हैं.


सरकार में चुने हुए जनप्रतिनिधि सिर्फ एक कठपुतली बनकर रह गए-कांग्रेस 
चुने हुए नेता पार्टी के शीर्ष नेताओं से उम्मीद लगाए हुए हैं कि कैबिनेट में मौका उनको भी मिलेगा. तो दूसरी और कांग्रेस पार्टी, कैबिनेट विस्तार के बाद सरकार गिरने की भविष्यवाणी करती हुई दिखाई दे रही है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार में चुने हुए जनप्रतिनिधि सिर्फ एक कठपुतली बनकर रह गए हैं. ना तो उनका अधिकारियों पर कोई कंट्रोल है और ना ही पार्टी के अंदर कोई फैसला लेने का हक है. पार्टी के अंदर फैसला लेने का हक सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर है.


बीजेपी का कांग्रेस को जवाब
तो वहीं कांग्रेस की भविष्यवाणी पर भाजपा के वरिष्ठ नेता आशीष गुप्ता ने प्रहार किया है. भाजपा के नेता प्रदेश मंत्री आशीष गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से अपना घर संभाला नहीं जाता. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जो चुने हुए इनके विधायक हैं उनकी भी आज ही चर्चाएं रहती हैं कि भाजपा में शामिल होने वाले हैं. कांग्रेस आपस में ही एक दूसरे की टांग खिंचाई में लगे रहते हैं.  यह भारतीय जनता पार्टी का अंदरूनी मुद्दा है और पद विस्तार निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. हाल ही में हमारे एक मंत्री का निधन हुआ और भी मंत्री पद अभी खाली हैं.


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