Uttarakhand Weather Today, देहरादून: उत्तराखंड में बारिश अपना कहर बरपा रही है. यहां इस कदर बारिश हो रही है कि पहाड़ दरकने लगे हैं. उनका मलबा सड़कों पर आ रहा है जो कई बार जानलेवा भी साबित हो रहा है. इसी बीच मौसम विभाग की तरफ से बड़ा अपडेट दिया गया है. उत्तराखंड में अब आफत की बारिश होने वाली है. मौसम विभाग ने नैनीताल, बागेश्वर, देहरादून, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और चंपावत जिले में कहीं-कहीं तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. इससे प्रशासन भी चिंतित है. मौसम के खराब हालात के मद्देनजर चार धाम यात्रा पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है.


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भारी बारिश का अलर्ट जारी
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है, कुछ इलाकों में 8 से 9 जुलाई को बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. उधम सिंह नगर समेत कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. रविवार से भारी बारिश के कारण 135 मार्ग बंद हैं और बद्रीनाथ हाईवे बंद होने से 3000 तीर्थयात्री फंस गए. नदी नालों के उफान पर होने से गंगा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है.


बारिश से नदियां उफान पर
मूसलाधार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. गंगा भी चेतावनी रेखा से केवल 85 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. उधर, विष्णु प्रयाग में चट्टान टूटने के कारण रविवार को बदरीनाथ हाईवे पूरा दिन बंद रहा है. जिसकी वजह से लगभग 3000 श्रद्धालु और पर्यटक हेमकुंड साहिब, बद्रीनाथ धाम और फूलों की घाटी जाने के लिए पूरा दिन हाईवे खुलने का इंतजार करते रहे. नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया हुआ है. साथ ही नदी के किनारे रहने वालों को सावधान रहने को भी कहा गया है. इसके अलावा कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं, क्योंकि यहां नदियों का विकराल रूप देखने को मिल रहा है.


चमोली में भूकंप के झटके
हफ्ते भर से हो रही बारिश के चलते पर्वतीय इलाकों में तापमान में तेजी से गिरावट आई है. जबकि मैदानी क्षेत्र का तापमान सामान्य के आसपास चल रहा है. पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान में गिरावट के चलते सुबह शाम ठंड का एहसास होने लगा है. वहीं चमोली में रविवार रात 9:09 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई. भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से 5 किलोमीटर नीचे था. एक तो बारिश ऊपर से भूकंप आने से लोग घबरा गए और अपने घरों से बाहर निकल आए.