देहरादून: उत्तराखंड में लगातार आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं जैसे कि महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करना व दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले, चोरी-लूटपाट जैसी वारदातें, प्रदेश के लोग इन आपराधों और वारदातों को लेकर आक्रोशित हो रहे हैं. अलग अलग जिलों की बात करें तो उत्तरकाशी में मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया. वहीं एक मस्जिद व मुस्लिम बस्ती को गिराने तक की प्रदर्शनकारियों ने मांग उठा दी. इसके अलावा चमोली जिले के नंदानगर में हाल के समय में सांप्रदायिक अशांति के बीच उत्तरकाशी शहर में एक विरोध जताने वाली रैली का आयोजन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद और मुस्लिम कॉलोनी को ध्वस्त करने तक की मांग उठा दी. बताया जा रहा है कि इस मस्जिद को 1969 में पंजीकृत करवाया गया था. उत्तरकाशी में प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक झंडे लहराए व नारे भी लगाए है. मामले की जांच का आश्वासन दिए गए है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दशकों से साथ रह रहे हैं परिवार 
इस तरह के विवादों, विरोधों और गतिरोधों का क्या कारण है इस बारे में समझने की जरूरत है. दरअसल, मस्जिद कॉलोनी के रहने वाले लोग इस संबंध में कई बातें बताते हैं जैसे कि उनके परिवार आठ दशकों से भी अधिक समय से शांति से रह रहे हैं लेकिन एकाएक होने वाले इस तरह के अचानक हुए प्रदर्शन पर हैरानी है, उनका कहना है कि नंदानगर या पुरोला के जैसे ही यहां किसी भी तरह की आपराधिक घटना नहीं जिसके लिए ऐसा प्रदर्शन किया जाता. निवासियों का कहना है कि जिस मस्जिद को अवैध बताया जा रहा है और उसे गिराने की मांग की जा रही है. 


'ये नहीं पता कि प्रदर्शनकारी कौन थे'
वहीं, दूसरी ओर ये भी बताया जा रहा है कि साल 1969 में इस मस्जिद को पंजीकृत किया गया. इस घटना से वहां के मुस्लिम परिवारों डर फैला हुआ है, डरे हुए मुस्लिम परिवार सुरक्षा की मांग कर रहे हैं और इसके लिए एसपी से मुलाकात की. कई हिंदु परिवार भी जो इस तरह के प्रदर्शन से हैरानी में है. यहां के परिवारों का कहना है कि लोग यहां पर मिल-जुलकर रह रहे हैं. ये नहीं पता है कि ये प्रदर्शनकारी कौन थे. 


सीएम धामी ने कहा- कानून अपना काम करेगा
इस बीच, सीएम पुष्कर सिंह धामी की ओर से भी उत्तराखंड के कई जिलों में फैले इस अशांति को लेकर बयान दिया गया. उत्तराखंड के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने वाले आपराधिक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के लोग शान्तिप्रिय हैं, अगर आपराधिक प्रवृत्ति के लोग यहां आकर शांत वादियों में अशांति फैलाएंगे व कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करेंगे तो इसको देवभूमि में बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे आपराधिक तत्वों की पहचान के लिए वृहद सत्यापन अभियान जारी है. सीएम धामी ने कहा कि कानून अपना काम करेगा.  हम अपराधियों के साथ सख्ती से निपटेंगे. 


 सांप्रदायिक अशांति की घटनाएं
उत्तरकाशी के एसपी अमित श्रीवास्तव ने इस संबंध में जानकारी दी है कि वह मामले की जांच तो कराएंगे ही इसके साथ ही इस बारे में उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं दूसरी ओर राज्य में पिछले कुछ माह में हो रही सांप्रदायिक अशांति की घटनाओं पर गौर करने करते हुए हाई कोर्ट में मुस्लिम सेवा संगठन ने जाने का निर्णय लिया है. संगठन ने हाई कोर्ट से अल्पसंख्यक अधिकारों का रक्षण करने की अपील भी की है.


और पढ़ें- Uttarakhand Landslide: रुद्रप्रयाग में भूस्खलन ने मचाई तबाही, केदारनाथ मार्ग पर लैंडस्लाइड से 5 की मौत


और पढ़ें- उत्तराखंड का वो पौराणिक पर्वत खतरे में, जहां है 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास