Uttarakhand Tunnel Collapse: देहरादून: उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल में शुक्रवार को छठवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आज का दिन पाइपों के सहारे मजदूरों को निकालने की योजना के लिए अहम माना जा रहा है. आपदा प्रबंधन से जुड़ी टीम की दोपहर में बैठक होगी, जिसमें बड़ा फैसला लिया जा सकता है.


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गुरुवार को टनल में फंसे 40 श्रमिकों के रेस्क्यू कार्य के लिए दिल्ली से नई ऑगर मशीन और सभी पार्ट्स टनल पर पहुंचाए जा चुके थे. हालांकि शुक्रवार को सुबह 6 बजे तक चार पाइप लाइन को हैवी कैपेसिटी की मशीन से मलबे में डाला जा चुका है जबकि पांचवी पाइप को सेट किया गया है. इस तरह कुल 10 पाइप को मलबे में डालने की योजना है क्योंकि पूरा मलबा 60 से 70 मीटर का है. बताया जा रहा है कि एक पाइप 6 मीटर की है जबकि 3 फीट चौड़ी है, जिससे मजदूर बाहर निकलेंगे.


उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू को लेकर ACS की बैठक 12.30 बजे आपदा कंट्रोल रूम में बैठक भी बुलाई गई है. बैठक आपदा सचिव और IG एडीआरएफ समेत आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहेंगे. बचाव अभियान की अब तक की प्रगति पर इसमें चर्चा होगी.


रेस्क्यू ऑपरेशन जारी 
रेस्क्यू ऑपरेशन की जगह लगातार इंजीनियर की टीम तीन शिफ्ट में काम कर रही है. 98 कर्मी पूरे ऑपरेशन में लगे हुए हैं. टनल 200 मीटर तक पूरी तरह से खाली है और जगह-जगह टनल में बड़ी मशीन भी देखी जा सकती है जिसमें ऑक्सीजन की भी मशीन शामिल है. रेस्क्यू ऑपरेशन की जगह पर 3 लेयर सिक्योरिटी है. वहीं, टनल के ठीक सामने एक बैरिकेडिंग लगाई गई है जहां पर आईटीबीपी और पुलिस के जवान मौजूद हैं. उत्तराखंड पुलिस के जवान एनडीआरएफ के जवान भी घटनास्थल पर मौजूद हैं. 


मौके पर बैरिकेडिंग
मौके पर बैरिकेडिंग भी लगाई गई है. तीसरी बैरिकेडिंग टनल से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर है और आईटीबीपी के साथ में उत्तराखंड पुलिस के जवान टनल में आने जाने वालों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. टनल में काम करने वाले ही पास दिखाकर ही टनल में जा सकते हैं. फिलहाल जानकारी है कि टनल से तकरीबन 6 किलोमीटर की दूरी पर एक स्थाई हेलीपैड भी बनाया गया है जहां पर इमरजेंसी में टनल में फंसे मजदूरों को अगर रेस्क्यू के बाद हायर सेंटर में एडमिट करने की जरूरत पड़ी तो उसका भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस बाबत मेडिकल टीम भी तैनात है.


स्थानीय लोगों ने क्या कहा? 
स्थानीय लोगों का कहना है कि 6 दिन से लगातार ऑपरेशन चल रहा है. अधिकारी आते हैं जाते हैं लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा नहीं हो पा रहा है. ऐसे में ईश्वर से प्रार्थना है कि टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित रहे और उनको जल्द से जल्द बाहर निकाल जाए.


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