Uttarakhand UCC Bil:  उत्तराखंड की धामी सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) विधेयक को 6 फरवरी यानी आज विधानसभा में पेश कर दिया है. विपक्ष के हंगामे के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया है. दोपहर 2 बजे दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होगी. उत्तराखंड समान नागरिक संहिता में क्या-क्या प्रावधान हैं, नीचे देखिए एक्सक्लूसिव कॉपी में देखें विधेयक का  1-1 पॉइंट.


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यूसीसी में क्या हैं प्रावधान
यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए एकसमान विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून लागू होंगे चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों. कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है. 


बहुविवाह पर लगेगी रोक
यूसीसी लागू होने के बाद बहुविवाह पर रोक लगेगी. दरअसल कुछ कानून में बहु विवाह करने की छूट है. चूंकि हिंदू, ईसाई और पारसी के लिए दूसरा विवाह अपराध है और सात वर्ष की सजा का प्रावधान है. इसलिए कुछ लोग दूसरा विवाह करने के लिए धर्म बदल लेते हैं. 


शादी की उम्र 21 वर्ष तय 
 कानून बनने के बाद पुरुषों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल और युवतियों की शादी की उम्र 18 वर्ष तय हो जाएगी.


धामी कैबिनेट ने दी थी मंजूरी
प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दी थी. चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था.


यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में से एक था. मार्च 2022 में सत्ता संभालने के साथ ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी. 


नीचे देखें उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक की एक्सक्लूसिव कॉपी




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