देहरादून: उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड के मसले पर सरकार के अंदर मतभेद उजागर होने लगे हैं. सांसद अजय भट्ट के बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने घुमा फिराकर ही सही लेकिन देवस्थानम एक्ट को वापस लेने की वकालत की है. सुबोध उनियाल का मानना है कि लोकतंत्र में कोई भी फैसला स्थायी नहीं होता और किसी भी मसले पर कभी देर नहीं होती.


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बता दें कि इससे पहले पूर्व BJP प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की देवस्थनम बोर्ड पर पुनर्विचार करने और इसे स्थगित करने की नसीहत पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा था कि उन्होंने इस मसले पर बहुत देर कर दी है. वहीं, अब त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि लोकतंत्र में चर्चा के बाद ही फैसले लिए जाते हैं और चर्चा के बाद रोलबैक भी किए जाते हैं.


गौरतलब है कि सुबोध उनियाल उत्तरकाशी जिले के प्रभारी मंत्री हैं और उत्तरकाशी में ही गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे प्रमुख तीर्थ धाम हैं. जहां देवस्थानम बोर्ड का विरोध लगातार जारी है, ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तरकाशी के तीर्थ पुरोहितों के सुर में सुर मिलाते हुए सुबोध उनियाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.