डॉक्टरों को भगवान का रूप माना जाता है, लेकिन कभी-कभार उनकी लापरवाही और बीमारी की गलत पहचान ने उस परिवार की खुशियों को छीन लेती है, जो समय पर सही इलाज से बच सकती थी.
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डॉक्टरों को भगवान का रूप माना जाता है, लेकिन कभी-कभार उनकी लापरवाही और बीमारी की गलत पहचान ने उस परिवार की खुशियों को छीन लेती है, जो समय पर सही इलाज से बच सकती थी. ऐसा ही एक ताजा मामला इग्लैंड के डर्बीशायर से आया है, जहां डॉक्टर की एक छोटी-सी लापरवाही की कीमत एक 36 वर्षीय युवक को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. डॉक्टर ने कैंसर के संकेत को एंग्जायटी का मामूली लक्षण समझकर नजरअंदाज किया गया. इसके चलते युवक को सही इलाज नहीं मिला और उसकी मौत हो गई.
डर्बीशायर के रहने वाले 36 वर्षीय लियाम हैंडली ने अपने जीवन में न तो कभी स्मोकिंग की थी और न ही उनका किसी गंभीर बीमारी का इतिहास था. हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें एंग्जायटी का मरीज समझकर गलत इलाज दिया. यह लापरवाही उनकी जान ले गई. लियाम ने शुरुआती दिनों में छाती में दर्द, धड़कनों की अनियमितता और तनाव की शिकायत की. डॉक्टरों ने इसे सिर्फ मानसिक तनाव और एंग्जायटी का मामला समझा और उन्हें दवाइयां देकर घर भेज दिया.
डॉक्टरों ने नहीं किया एक्स-रे का सुझाव
लियाम की मां लिन के अनुसार, "डॉक्टरों ने कभी नहीं सोचा कि यह लंग कैंसर हो सकता है. वह युवा थे, हेल्दी थे और कभी स्मोकिंग नहीं करते थे. यह उनकी लापरवाही थी. लियाम ने बार-बार डॉक्टरों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कभी छाती का एक्स-रे कराने की सलाह नहीं दी गई. उनका दर्द धीरे-धीरे बढ़ता गया और एक दिन उन्हें इमरजेंसी सेवाओं में ले जाया गया क्योंकि परिवार को लगा कि उन्हें हार्ट अटैक हो रहा है.
प्राइवेट सीटी स्कैन ने किया खुलासा
इमरजेंसी टेस्ट में पता चला कि लियाम के फेफड़ों में ब्लड क्लॉट्स हैं. हालांकि, कैंसर का कोई संकेत डॉक्टरों को नहीं दिखा. उनकी हालत बिगड़ती गई और कंधों और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगा. लेकिन समस्या की जड़ को समझने में डॉक्टर असफल रहे. आखिरकार, लियाम ने निजी सीटी स्कैन कराने का फैसला किया, जहां पता चला कि उन्हें एडेनोकार्सिनोमा नामक फेफड़ों का कैंसर है. यह कैंसर उनके जिगर, रीढ़ और लिम्फ नोड्स तक फैल चुका था.
जनरेटिक म्यूटेशन से हुआ था लंग कैंसर
जांच में पता चला कि लियाम को एडेनोकार्सिनोमा ईजीएफआर एक्सॉन 19 पॉजिटिव नामक एक दुर्लभ प्रकार का लंग कैंसर था. यह आमतौर पर उन लोगों को प्रभावित करता है, जिनका स्मोकिंग से कोई लेना-देना नहीं होता. इलाज के बावजूद लियाम की हालत गंभीर होती गई और 2021 में उनकी मृत्यु हो गई.
कैंसर के शुरुआती संकेत को पहचानना जरूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक, 70% लंग कैंसर के मामले नॉन-स्मोकर्स में पाए जाते हैं. दुर्भाग्यवश, यह कैंसर तब तक पता नहीं चलता जब तक वह गंभीर अवस्था में न पहुंच जाए. इन लक्षणों पर ध्यान दें
* लगातार खांसी
* सांस लेने में दिक्कत
* छाती में दर्द
* कंधे या पीठ में दर्द
* खून की खांसी
* अचानक वजन घटना
* भूख की कमी
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.