ADM Salary: हर जिले में डीएम होता है, जिसकी जिम्‍मेदारी शहर की कानून व्‍यवस्‍था संभालना होता है. वहीं, जिले की हर तहसीलों में एसडीएम तैनात होते हैं. इनकी जिम्‍मेदारी सरकारी योजनाओं को योग्‍य जन तक पहुंचाना. एक और महत्‍वपूर्ण पद एडीएम (ADM) का होता है. एडीएम के अधिकार को लेकर बहुत कम ही लोग जानते हैं. तो आइये जानते हैं एडीएम को मिलने वाली सुविधाएं और वेतन के बारे में. 


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डीएम-एसडीएम के बाद एडीएम की जिम्‍मेदारी
एडीएम (ADM) को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट या उप समाहर्ता भी कहा जाता है. डीएम और एसडीएम की तरह इस पद के लिए कोई सीधी भर्ती नहीं की जाती. जिले में एडीएम कुछ मामलों में डीएम के बराबर पावर रखता है. एडीएम की जिम्‍मेदारी तब और अहम हो जाती है. जब जिले का डीएम किसी काम से बाहर चला जाए. डीएम के जिले से बाहर रहने पर शहर की जिम्‍मेदारी एडीएम के पास ही होती है.  कुल मिलाकर एडीएम ही उनका पूरा कार्यभार संभालता है. 


कैसे बनते हैं एडीएम 
इसके अलावा डीएम के पास काम का ज्‍यादा बोझ होने पर कुछ मामलों को एडीएम को दे दिया जाता है. हालांकि, एडीएम ज्‍यादातर जिले का रेवेन्यू से संबंधित ही काम दिए जाते हैं. अगर आप सोच रहे होंगे कि आखिर एडीएम बनते कैसे हैं. तो बता दें कि यूपीएससी से चयनित अभ्‍यर्थियों को ट्रेनिंग के बाद शुरुआत में एसडीएम के पद पर तैनात किया जाता है. कुछ सालों के बाद इन्‍हें ही एडीएम पद पर प्रमोट कर दिया जाता है, जो बाद में किसी जिले का डीएम भी बनते हैं. अधिकांश जिलों में एडीएम के दो से तीन पद हैं, उनमें से सबसे आम एडीएम (सिटी), एडीएम (वित्त/राजस्व) और एडीएम (एक्जीक्यूटिव) हैं.


एडीएम की सैलरी और जिम्मेदारियां
एडीएम सतर्कता अधिकारी के रूप में काम करने और अनधिकृत भूमि कब्जाधारियों को बेदखल करने के लिए जिम्मेदार होता है. वह कलेक्टर, एडिशनल कलेक्टर, एडिशनल रेवेन्यू कलेक्टर के रूप में कार्य करता है. वह जिला आपदा प्रबंधन समिति (DDMC) के CEO के रूप में भी कार्य करता है. एक एडीएम डिप्टी सेक्रेटरी या अंडरसेक्रेटरी के समान रैंक का अधिकारी होता है. इन्‍हें डीएम की तरह ही सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. जानकारी के मुताबिक, एडीएम को हर महीने लगभग 67,700 रुपये वेतन मिलता है. 


भूमि पंजीकरण और संपत्ति कागजात की देखरेख 
एडीएम द्वारा सभी तरह के सर्टिफिकेट, जैसे विवाह, निवास और अन्य सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं. इसके अलावा बाल मजदूरी के मामलों की जांच करना, दोषी होने पर कार्रवाई करना और अपराधी को सजा देना एडीएम की विशेष जिम्मेदारियों में से एक है. कई जिला कार्यालयों, सब डिवीजनलों और तहसीलों की देखरेख के साथ-साथ एडीएम राज्य की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भी जिम्मेदार होता है. भूमि पंजीकरण और संपत्ति के कागजात सहित भूमि से संबंधित सभी गतिविधियां भी एडीएम के दायरे में आती हैं. 


 



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